शिवहर : डीएम व एसपी साहब फिजिक्स सर को मुक्त कर दीजिए प्लीज. उक्त दर्द भरे शब्द उन छात्राओं के हैं. जो 2018 में इंटर की परीक्षा देनेवाली हैं. जिनकाे अपने भविष्य की चिंता सता रही है. प्रभात खबर से बातचीत में कक्षा 12 की छात्रा रेखा, कविता, शिवांगी, वैदेही, श्रुति, पायल ने कहा कि 2018 में इंटर की परीक्षा होने वाली है.
ऐसे में कक्षा 10 के छात्रों के हंगामे व मारपीट की घटना के बाद पुलिस फिजिक्स शिक्षक निर्मल कुमार श्रीवास्तव को अल्कोहल जांच के लिए ले गयी है. अगर पुलिस की कार्रवाई में उन्हें जेल भेज दिया गया. तो साइंस का अध्ययन करनेवाले छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा. कहा, उनका व्यक्तिगत जीवन कैसा है, उन्हें नहीं पता. किंतु उक्त शिक्षक कभी भी शराब का सेवन कर क्लास में नहीं आये हैं.
कहा कि कानून के बारे में वे नहीं जानना चाहती. बस बच्चों की पढ़ाई को लेकर डीएम, एसपी इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर उक्त शिक्षक को मुक्त कर दें, प्लीज. छात्राओं का कहना है कि दशहरा की छुट्टी में स्पेशल क्लास लगती हैं. जिसमें बच्चे अपनी तैयारी पूरी करते हैं. फिजिक्स भारी विषय है. इसकी तैयारी के लिए योग्य शिक्षक का होना जरूरी है. सिलेबस की पढ़ाई अंतिम चरण में है. ऐसे में नये शिक्षक अच्ची तरह से गाइड नहीं कर सकेंगे. इसकी चिंता खासकर 12 के छात्रों को सता रही है. इधर थानाध्यक्ष धनंजय कुमार ने कहा कि उक्त शिक्षक फिलहाल गिरफ्तार नहीं हैं. आवश्यक पूछताछ व जांच के लिए उन्हें थाना लाया गया है.
असुरक्षित महसूस कर रही नवोदय की छात्राएं : नवोदय विद्यालय में विवाद के बाद छात्राओं के चेहरे पर असुरक्षा के भाव स्पष्ट नजर आ रहे हैं. कक्षा 12 की छात्राओं का कहना है कि चहारदीवारी छोटा होने के कारण घटना के दिन भी छात्र उनके छात्राओं के सदन में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे.
दरवाजा इतना कमजोर है कि कभी भी छात्र तोड़कर लड़कियों के सदन में प्रवेश कर सकते हैं. इस ओर डीएम व एसपी का ध्यान आकृष्ट कराया गया है. कहा कक्षा 10 के छात्र घटना के दिन छात्राओं को गालियां भी दे रहे थे. कक्षा दस का बैच जब कक्षा सात में था. उस समय भी तत्कालीन प्राचार्य को एक कमरे में बंद कर दिया था. कहा कुछ छात्र सुबह की एसेंबली में नहीं आते हैं. या फिर विलंब से आते हैं. वही अन्य छात्रों को भी एसेंबली में नहीं आने देते हैं. कुछ छात्र क्लास में भी शामिल नहीं होते हैं. अपना वर्चस्व कायम करने के चक्कर में दूसरे छात्रों व छात्राओं का भविष्य चौपट कर रहे हैं. कहा 19 सितंबर के विवाद के बाद छात्राएं सहम सी गयी हैं. कहा कि विद्यालय भवन असुरक्षित होने से छात्राएं परेशान हैं.
छात्राओं की सुरक्षा पर पूरी नजर : उधर सदनाध्यक्ष विंदु एमपी ने कहा कि घटना के पूर्व छात्रों ने छात्राओं के सदन में प्रवेश करने का साहस नहीं कर सके हैं. उनके द्वारा छात्राओं की सुरक्षा पर पूरी नजर रखी जाती है. इधर एसपी प्रकाश नाथ मिश्र ने पूछे जाने पर कहा कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन चिंतित हैं. डीएम व उनके बीच छात्राओं ने अपनी समस्या को रखा था. जिससे भेजी गयी रिपोर्ट में नवोदय विद्यालय परीक्षा समिति को अवगत करा दिया गया है. कहा कि विद्यालय में फोर्स की तैनाती की गयी हैं. किंतु दशहरा पूजा को देखते हुए उसे हटा लिया जायेगा. हालांकि गश्ती दल विद्यालय का मुआयना करता रहेगा. कहा विद्यालय के अंदर की सुरक्षा की जिम्मेवारी शिक्षकों की है. इसे नवोदय विद्यालय समिति द्वारा सुनिश्चित कराया जाना चाहिए.
संवेदक ने 12 वर्षों के बाद भी भवन निर्माण कार्य नहीं किया है पूरा : विद्यालय भवन की चहारदीवारी छोटी रहने के कारण कभी भी विद्यालय के सुरक्षा घेरा को असामाजिक व अपराधी तत्व भेद सकते हैं. किंतु इस दिशा में कोई संवेदनशील नहीं दिख रहा है. चौंकाने वाली बात है कि करीब 12 वर्षों के बाद भी विद्यालय भवन का निर्माण पूरा कर एजेंसी ने विद्यालय को भवन हैंडओवर नहीं किया है. वर्ष 2005 से 2007 तक भवन निर्माण कार्य को पूरा कर लेना था. जिसे 2017 तक भी पूरा नहीं किया जा सका है. छात्रों की माने तो हल्की वर्षा में विद्यालय के अंदर जलजमाव हो जाता है. जबकि विद्यालय भवन के गेट से पश्चिम बारहमासी जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. जिसके पानी के सड़ने व संक्रमण से छात्र कभी भी बीमार हो सकते हैं. फिलहाल विद्यालय के बाहर जलजमाव की स्थिति है.विद्यालय में पढ़ रहे छात्र भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
नवोदय विद्यालय में 260 छात्र कर रहे हैं शिक्षा ग्रहण : नवोदय विद्यालय में फिलहाल 260 छात्र/छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. जिसमें कक्षा 6 में 43, कक्षा 7 में 41, कक्षा 8 में 41, कक्षा में 38, कक्षा 10 में 41, कक्षा 11 में 34 एवं कक्षा 12 में 32 छात्र छात्राएं शामिल हैं.