तेरह सौ मीटर के लंबे रोपवे में फिलहाल 12 ट्रॉलियां रहेंगी
रोहतास के नर्सरी से मंदिर के धर्मशाला तक रहेगा अंतिम स्टॉपेज
अगस्त के अंतिम सप्ताह में हो जायेगा शुरू: कार्यपालक अभियंता
अकबरपुर.
कैमूर पहाड़ी के रेहल में स्थित रोहतास गढ़ किला में बिहार के दूसरा सबसा बड़ा रोपवे अगस्त के अंतिम सप्ताह में शुरू हो जायेगा. जिसका लाभ आसपास के अलावा दूर-दराज से आनेवाले पर्यटक उठा सकेंगे. दरअसल 2012 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैमूर पहाड़ी के रेहल में दौरा के दौरान घोषणा की थी कि रोहतास गढ़ किला को पर्यटक स्थल घोषित कर रोपवे का निर्माण किया जायेगा. वर्ष 2020 में जब इस योजना को सरकार ने रोपवे एंड रिसोर्स प्राइवेट कंपनी लिमिटेड कोलकाता को सौंपी थीं तो दो वर्ष में इसे तैयार करना था, कंपनी ने भी 12 फरवरी 2020 को कार्य प्रारंभ कर दिया. इस बीच कोरोना काल आया और सब कार्य बंद हो गया. अब चालू होने के लगभग पांच वर्ष के लंबे इंतेजार के बाद रोपवे का कार्य पूरा हो रहा है यह रोपवे रोहतास प्रखंड मुख्यालय के पास नर्सरी से चौरासन मंदिर के धर्मशाला तक बनेगा. पर्यटकों को मंदिर का दर्शन कर रोहतास गढ़ किला तक स्थानीय गाड़ी या पैदल जाना होगा, जिसकी दूरी दो किलोमीटर होगी. वहीं मंदिर से किला तक सड़क का भी निर्माण जल्द होना है. स्थानीय लोगों ने कहा कि मंदिर के पास जो स्टेशन बनाया जा रहा है, उसमें अभी बहुत काम बिल्डिंग का ही करना है, जो दूसरे संवेदक के जिम्मे में है. बता दें कि प्रभात खबर में 16 जून को छपी खबर ने पाठकों को स्थिति से अवगत कराया था और उसका असर यह है कि अब बिहार के साथ-साथ पूरे देश के पर्यटकों को यह जान कर और पढ़ कर खुशी होगी के यह लगभग दो माह में चालू कर दिया जायेगा.एक नजर रोपवे पर
कुल टावर – सात, इसमें एक लोअर व एक अपर शामिलकितनी दूरी:- 1300 मीटरट्राली – आरंभ में बारह, बाद में कुल अठारह
स्टेशन :- दो, पहला नर्सरी रोहतास, दूसरा धर्मशाला रोहितेश्वर मंदिरकुल लागत:- आठ करोड़
कंपनी का नाम:- आरआरपी ली कोलकाताविभाग – पुल निर्माण विभाग पटना
सीएम नीतीश ने की थी विकास की घोषणा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2012 में किला के निरीक्षण कर इसके विकास की घोषणा की थी. उसी वर्ष राज्य सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1500 फीट की ऊंचाई पर स्थित रोहतास किला तक रोपवे निर्माण का फैसला लिया था.रोपवे निर्माण व चौरासन मंदिर से किला तक सड़क निर्माण को 12 करोड़ 65 लाख रुपये की स्वीकृत दिलायी थी.
क्या कहते हैं मुखिया
वनवासियों को आने जानें कि सुविधा नहीं होने के कारण आय दिन इलाज़ के चलते कई तहत की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था.आज भी स्वास्थ, शिक्षा, बिजली के साथ साथ सड़क से दर्जनों गांव के लोग वंचित हैं. यह वनवासियों के लिए वरदान होगा.नागेंद्र यादव, मुखिया, रोहतास गढ़ पंचायत
क्या कहते हैं वनवासी
मेरा घर किला के सटे गांव बभन तालाब में है, बचपन से लेकर आज तक घाटी से ही आवाजाही करते आएं हैं. मुझे यह रोपवे सपना जैसा लग रहा है, इसके चालू होने से हमलोगों के परिवारों को कम से कम इलाज के लिए अच्छी सुविधा हो जायेगी.भरत यादव, ग्रामीण, बभन तालाब
कहते हैं जेपी सेनानी
मेरी उम्र लगभग 75 वर्ष हो गई है, और मुझे फक्र हो रहा है कि देश-दुनियां से पर्यटक क्षेत्र में आयेंगे, और रोपवे के आनंद के साथ-साथ ऐतिहासिक मंदिर व किला का भ्रमण करेंगे, जिससे रोजगार का भी अवसर बढ़ेगा.रामबहादुर आजाद, जेपी सेनानी, ढेला बाद
कहते हैं आधिकारी
अगस्त के अंतिम सप्ताह में इसे चालू कर दिया जायेगा, डिपार्टमेंट से लेकर सभी लोग मेहनत कर रहे हैं, पर्यटकों के साथ-साथ सभी लोग इसका लाभ उठाएंगे.खुर्शीद अहमद, कार्यपालक अभियंता, पुल निर्माण विभाग, पटना
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