चेनारी. प्रखंड क्षेत्र के तेतरी गांव में आयोजित छह दिवसीय श्रीश्री शतचंडी महायज्ञ के लिए श्रद्धालुओं ने रविवार को कलशयात्रा निकाली. माथे पर कलश लेकर हाथी-घोड़े व बाजे-गाजे के साथ हर हर महादेव, जय माता दी व जय श्रीराम का जयघोष करते हुए श्रद्धालु वीर नगर गांव स्थित दुर्गावती नदी में पहुंचे. जीयर स्वामी के शिष्य बैकुठानंद स्वामी जी महाराज के मंत्रोच्चार के बीच दुर्गावती नदी से जलभरी की गयी. इसके बाद यज्ञ मंडप पहुंच कर श्रद्धालुओं ने कलश की स्थापना की. यज्ञ कमेटी अध्यक्ष सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि दो मार्च से सात मार्च तक होनेवाली श्रीश्री शतचंडी महायज्ञ के दौरान बाहर से आये महात्मा व श्रद्धालुओं के ठहरने की पूरी व्यवस्था की गयी है. सुबह की आरती छह बजे से प्रतिदिन शाम पांच बजे से सात बजे तक प्रवचन होगा. बच्चों के मनोरंजन के लिए चरखा-झूले आदि की व्यवस्था है. महाराज जी ने बताया कि तीन मार्च को अहले सुबह अग्नि मंथन से यज्ञ प्रारंभ होगा. आठ मार्च को हवन भंडारे के साथ पूर्णाहुति होगी. यज्ञ के लिए कमेटी गठित की गयी है.
सनातन धर्म का प्राण है गीता : बैकुंठानंद स्वामी
बाल योगेश्वर भगवान कृष्ण के अद्भुत संदेश व मानव कल्याण के सबसे अलौकिक प्रामाणिक सनातन की श्रीमद्भागवत गीता प्राण मानी गयी है. इसके अंतर्गत बताये गये रास्ते पर चलने पर मनुष्य की कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसका हल न हो सके. गीता मानव मूल्यों की रक्षा का मूल मंत्र है. हिंदू धर्म व सनातन की सबसे पवित्र ग्रंथ गीता में भगवान कृष्ण ने जीने की सबसे उत्तम व सरल कला का वर्णन किया है. जीव संसार में किस उद्देश्य से आता है उसे माता-पिता, भाई, सगे संबंधी व अपने मित्रों से कैसे आचार-विचार रखना चाहिए. सबका गीता में सम्यक जानकारी दी गयी. ये बातें गैर स्वामी के शिष्य बैकुंठ आनंद स्वामी तेतरी गांव में हो रहे संडे महायज्ञ की जलभरी के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि मनुष्य अपने कर्म से सबकुछ हासिल कर सकता है. परन्तु जिस पर भागवत कृपा हो जाती, उसे सबकुछ सरलता से मिल जाती है. जो मनुष्य अपने माता-पिता व गुरु की सेवा नहीं करता, उसका जीवन कभी सफल नहीं होता ना ही उसे कोई सुख प्राप्त हो सकती है. प्रवचन का श्रवण कर उसे जो अपने जीवन में नहीं अपनाते, उन्हें ईश्वर की कृपा कभी प्राप्त नही होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

