घूस लेते निगरानी ने गिरफ्तार कर भेजा था जेल, अभी भी चल रहा केस
सासाराम कार्यालय.
सिविल सर्जन कार्यालय में प्रतिनियुक्ति के दौरान निगरानी के हाथों घूस लेते गिरफ्तार लिपिक को सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र की जगह फिर से सीएस कार्यालय में जगह मिली है. असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी रोहतास के ज्ञापांक 1567 दिनांक 17 जून 2025 को निकले आदेश से लिपिक संतोष कुमार को पुन: सिविल सर्जन कार्यालय का लिपिक नियुक्त किया गया है. इनकी नियुक्ति विभागीय जांच किये जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी रोहतास की रिपोर्ट के आधार पर की गयी है, जिसमें कहा गया है कि बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 के नियम 3(1) के आलोक में आंशिक दोषी माना जाता है. इस रिपोर्ट के आलोक में सीएस ने बिहार सरकारी (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 के नियम-9(3)(आई) के उप नियम (2) के निहित प्रावधान के आलोक में निलंबित लिपिक संतोष कुमार को वर्तमान पदस्थापन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवसागर को निलंबन से मुक्त करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी रोहतास के उसी कार्यालय में लिपिक के रिक्त पद पर पदस्थापित किया है. सीएम ने उनके विरुद्ध आर्थिक दंड के रूप में एक वेतनवृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोक लगाया है. गौरतलब हो कि गत 29 अगस्त 2023 को निगरानी ने घूस लेते संतोष कुमार को पकड़ा था, जिनके विरुद्ध निगरानी थाना कांड सं.-31/23 वर्तमान में भी चल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है