सासाराम सदर. नगर थाना क्षेत्र के करगहर मोड़ के पास ब्रिज चढ़ने के दौरान मंगलवार को यात्री बस ने एक बच्ची को रौंद दिया. इससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी. घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने बस में तोड़-फोड़ करते हुए एक घंटे तक सड़क को जाम कर दिया. जानकारी के अनुसार, मुरादाबाद गांव अनवर अहमद की पत्नी शहीबा बीवी अपनी पांच वर्षीया बेटी निखहत परवीन को लेकर ऑटो पकड़ने के लिए करगहर मोड़ के पास खड़ी थीं. इसी बीच कालीस्थान की ओर से आ रही यात्री बस तकिया ब्रिज चढ़ने के लिए तेजी से टर्न किया और सड़क किनारे मां के साथ खड़ी बच्ची को रौंद दिया. इससे बच्ची की मौत हो गयी. घटना के बाद भीड़ आक्रोशित हो गया और ब्रिज पर बस को रोक तोड़फोड़ शुरू कर दी. साथ ही सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगे. घटना के बाद समझाने पहुंची पुलिस का आक्रोशित भीड़ ने एक नहीं सुनी. लोग यातायात पुलिस की व्यवस्था को जिम्मेदार ठहरा रहे थे. आक्रोशित लोगों का कहना था कि प्रतिदिन शिकायत करने के बाद भी बस व ऑटो ब्रिज पर वाहन खड़ा कर यात्री बैठाते है और यातायात पुलिस मौन रहती है. इससे आये दिन जाम की समस्या से लोग परेशान रहते हैं. घटना की सूचना पर पहुंचे एसडीओ आशुतोष रंजन व सदर डीएसपी-1 दिलिप कुमार ने प्रशासनिक स्तर से मृतका की मां को तत्काल चार लाख रुपये का चेक दिया और आक्रोशित भीड़ को समझाकर शांत कराया. इस संबंध में डीएसपी-1 ने बताया कि शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया है. वही बस को भी जप्त कर नगर थाना भेज दिया गया है. बस चालक को थाना पहुंचाना युवक को पड़ा भारी, हुई पिटाई दुर्घटना में बच्ची की हुई मौत के बाद आक्रोशित भीड़ तोड़-फोड़ कर सड़क जाम कर दिया. भीड़ को पुलिस पदाधिकारी समझा रहे थे. इसी बीच आक्रोशित भीड़ में एक युवक पहुंचा और यह कह दिया कि बस चालक को हमने ही पकड़कर थाने को सौंपा है. इसी बीच आक्रोशित भीड़ युवक पर टूट पड़ी और पिटाई शुरु कर दी. जिसको काफी प्रयास के बाद पुलिस बल ने युवक को भीड़ से बाहर निकाल उसकी जान बचायी. नो इंट्री में घुसे ट्रक ने एक्सयूवी कार को ठोका, क्षतिग्रस्त दुर्घटना के बाद जैसे ही पुलिस ने लोगों को शांत करा ब्रिज को खाली कराया. इसी बीच नो इंट्री में घुसे ट्रक ने भी दुर्घटना वाली जगह पर ही ब्रिज चढ़ने के लिए टर्न करने के दौरान सड़क किनारे खड़ी एक्सयूवी कार को ठोक दिया. इससे कार क्षतिग्रस्त हो गया. आगाह करता रहा है प्रभात खबर, आखिर हो ही गया हादसा सासाराम कार्यालय. तकिया रेलवे ओवर ब्रिज बनने के बाद से ही करगहर मोड़ पर अवैध रूप से बसों के ठहराव को लेकर प्रभात खबर लगातार प्रशासन को आगाह करता रहा है. समय-समय पर प्रशासन को प्रभात खबर यह बताता रहा है कि ओवर ब्रिज के मुहाने पर बसों व ऑटो के ठहराव से हादसा हो सकता है. यह संभावना तब और बढ़ गयी, जब शहर के पुराने बस पड़ाव को बंद कर बेदा में नया बस पड़ाव बना. बस पड़ाव बंद होने के बाद तकिया और पोस्ट ऑफिस ओवर ब्रिज पर अवैध बस पड़ाव बन गया. इसी दरम्यान शहर में ट्रैफिक लाइट शुरू हुईं. ट्रैफिक लाइटों से वाहनों को गति मिली. इस गति के लिए अवैध बस पड़ाव अवरोधक बन रहे हैं. एक तरफ बसें खड़ी हो जाती हैं और दूसरी ओर बड़ी संख्या में ऑटो, जो अधिकांश जाम का कारण बनते हैं. इसी जाम में बस व ऑटो वाले सवारी भी लेने लगते हैं. यह सब प्रतिदिन देखते हुए भी चौक पर खड़ी यातायात पुलिस बसों व ऑटो को हटाने का जहमत नहीं उठाती है. जिसका परिणाम हुआ कि एक बच्ची की अकाल मौत हो गयी. गत 15 फरवरी को प्रभात खबर ने ‘शहर में बेधड़क दौड़ रहे ओवरलोड ऑटो, हादसे की आशंका’ खबर प्रकाशित कर, प्रशासन को करगहर मोड़ पर हादसे की संभावना की चिंता जतायी थी. इससे पहले और इसके बाद कई बार करगहर मोड़ पर बस और ऑटो के कारण जाम और वहां यात्रियों की दुर्दशा की खबर प्रकाशित की जाती रही है. अगर करगहर मोड़ पर बस और ऑटो नहीं होते, तो एक बच्ची की अकाल मौत से बचाया जा सकता था. तकिया ओवरब्रिज पर हादसे के बाद सड़क जाम से थम गया वाहनों का परिचालन प्रशासन के मशक्कत के बाद शांत हुई आक्रोशित भीड़, यात्रियों को हुई भारी परेशानी सासाराम ऑफिस. सासाराम-करगहर मोड़ के समीप तकिया ओवर ब्रिज पर मंगलवार को सड़क दुर्घटना में बच्ची की हुई दर्दनाक मौत के बाद आक्रोशित भीड़ ने शव को सड़क पर रख जाम कर दिया. इससे एक घंटे तक शहर में वाहनों का परिचालन पूरी तरह थम सा गया. जाम के करण सासाराम से मुरादाबाद, बाराडीह, करगहर, कोचस आदि इलाकों की ओर जाने वाले वाहन घंटो फंसे रहे और कई किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतार लग गयी. यात्रियों को घंटों तक बस और ऑटो के लिए चिलचिलाती धूप में इधर-उधर भटकना पड़ा. सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चे, महिलाएं व बुजुर्गों को झेलनी पड़ी. मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को शांत कराने का प्रयास किया. परिजन मुआवजा व दोषी बस चालक की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे. लगभग डेढ़ घंटे तक ओवरब्रिज पर तनावपूर्ण माहौल बना रहा. बाद में अधिकारियों ने परिजनों को मुआवजे के रुप में चेक प्रदान किया तब जाकर लोग सड़क से हटे और यातायात बहाल हो सका. स्थानीय लोगों ने बताया कि ओवर ब्रिज पर हमेशा करगहर व कोचस से लेकर बक्सर जाने वाले भारी वाहन खड़े रहते हैं. यहां फुटपाथ या सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं. स्थानीय लोग प्रशासन से ओवर ब्रिज पर ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने व स्पीड ब्रेकर लगाने की मांग कर रहे थे.
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