सासाराम ग्रामीण. जिला परिवहन विभाग में 2.30 करोड़ रुपये का गबन का चर्चा हर तरफ हो रही है. सरकारी महकमा सहित लोगों के बीच में यह चर्चा है कि सरकारी पैसों की इतनी बड़ी रकम को कर्मचारी चपत कर जा रहे है और वरीय अधिकारियों को भनक तक नहीं लग पा रहा है. हालांकि, परिवहन कार्यालय का यह गबन तो छोटा रकम है. जिले में इससे पहले अधिक-अधिक रकम का चपत सरकारी कर्मचारी लगा चुके है. इसमें अनुमंडल कार्यालय, नगर निगम, परिवहन सहित कई विभाग शामिल है. इस सभी विभागों में गबन के आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई भी हो चुकी है. इन सभी कार्रवाई में अधिकारी, कर्मी व जनप्रतिनिधि भी जेल जा चुके है. गबन के विरुद्ध कार्रवाई पर एक नजर केस नंबर-1 : 18 जून 2021 को नगर निगम की मुख्य पार्षद कंचन देवी की 62 लाख रुपये गबन के आरोप में गिरफ्तारी हुई थी. मामला था कि सासाराम के वार्ड 11 और 14 की दो योजनाओं के लिए अलग-अलग निर्गत राशि की मापी पुस्तिका बनाकर निकासी कर ली गयी थी. जब मामले ने तुल पकड़ा तब तत्कालीन डीएम पंकज दीक्षित ने 26 अगस्त 2020 को अपर समाहर्ता के नेतृत्व में जांच दल गठित किया था. जांच के बाद टीम ने 4 फरवरी 2021 को अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें सभी आरोप सही निकले. पीसीसी का कार्य बिना कराये राशि की निकासी कर ली गयी थी. केस नंबर -2 : 24 मार्च 2022 को सासाराम नगर निगम के सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार की 45 लाख रुपये के गबन के आरोप में गिरफ्तारी हुई थी. इस मामले में इन पर गलत ढंग से नगर निगम (तत्कालीन नगर परिषद) क्षेत्र में बिना बनाये सड़क की सरकारी राशि का गबन व दुरुपयोग किया गया था तथा उनपर नगर थाना क्षेत्र में आइपीसी की धारा 420, 419 समेत अन्य धारा में प्राथमिकी दर्ज हुई थी और करीब 45 लाख रुपये गबन का आरोप लगा था. केस नंबर-3 : पांच जुलाई 2023 को सदर एसडीएम कार्यालय में नजीर ओमप्रकाश सिंह को पुलिस ने पटना जंक्शन से करीब पांच करोड़ रुपये गबन के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मामले में नाजीर ने सासाराम अनुमंडल में वाहन नीलामी और बाजार समिति का करीब पांच करोड़ रुपये हड़प लिया था. अधिकतर मामलों में उसने फर्जी चालान लगाया था, जिसका खुलासा कमेटी की जांच से हुआ था. गबन का खुलासा होने पर सदर एसडीओ ने नगर थाने में पांच दिसंबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. केस नंबर-4 : जिला परिवहन कार्यालय में 2.30 करोड़ रुपये का गबन का खुलासा हुआ है. इसमें चार कर्मचारियों के विरुद्ध नगर थाने में डीटीओ राम बाबू ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. इस मामले में अक्षय कुमार, अजय कुमार, अनिल कुमार व प्रोग्रामर अनिल कुमार द्वारा टैक्स व इ-चालान का पैसा जमा नहीं किया गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

