डेहरी. अनुमंडल पदाधिकारी ने संयुक्त आदेश जारी कर शंकरपुर से बालूरघाट एवं चकन्हा बालू घाट जाने एवं निकलने वाले सभी सरकारी रास्तों पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. आदेश में खासकर बालू लदे वाहनों का परिचालन अगले आदेश तक निषिद्ध करते हुए सरकारी रास्तों में किसी भी प्रकार की लोडिंग एवं अनलोडिंग को पूर्णतः बंद कर दिया गया है. एसडीएम ने अपने आदेश में खान निरीक्षक डेहरी, थानाध्यक्ष इंद्रपुरी व अंचल अधिकारी डेहरी को निर्देश दिया है कि संबंधित घाट संचालक को इसकी सूचना देते हुए उक्त आदेश का अनुपालन सख्ती से कराना सुनिश्चित करें. बंद किये जाने वाले रास्तों पर साइनेज लगाने की व्यवस्था बीडीओ डेहरी को सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल डेहरी, आसपास के ग्राम के ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राप्त परिवाद द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि ग्राम शंकरपुर एमएमजीएसवाइ अंतर्गत निर्मित पथ डेहरी तिलौथू रोड (पटनवा पॉलिटेक्निक कॉलेज मोड़) से शंकरपुर पथ से बालू लदे भारी वाहनों के परिचालन से पक्की सड़क खराब हो रही है. यही नहीं घनी आबादी होने के कारण उक्त सड़क पर दुर्घटना होने से रोक लगाने एवं घाट संख्या 17 के रास्ते चकनवा प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, मंदिर व ग्रामीणों की सघन आबादी स्थित है. उसी रास्ते से छोटे-छोटे बच्चे विद्यालय आते-जाते हैं. उक्त रास्ते पर जांच के बाद सभी प्रकार के भारी व्यावसायिक वाहनों का प्रवेश निषेध करने के लिए कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया गया था. इसके आलोक में संबंधित घाट संचालक एवं घाट के आसपास के ग्रामीण जनता को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए 13 नवंबर को एक बैठक बुलायी गयी. बैठक में दोनों पक्षों द्वारा अपनी अपनी बातों को रखा गया. इसके आलोक में अंचलाधिकारी डेहरी एवं थानाध्यक्ष इंद्रपुरी को उक्त रास्ते की जांच करते हुए प्रतिवेदन की मांग की गयी थी. अंचलाधिकारी डेहरी से प्राप्त प्रतिवेदन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शंकरपुर से बालू घाट जाने का वर्तमान रास्ता रैयती भूमि में अवस्थित है, जिस पर वर्तमान में पक्की सड़क का निर्माण सरकारी योजना के तहत किया गया है. साथ ही चकन्हा बालू घाट जाने का रास्ता मौजा चकन्हा, मौजा सिकरिया व मौजा पटना से होकर जाता है. उक्त सड़क का प्रयोग आम जनों द्वारा कई वर्षों से किया जा रहा है. उक्त रास्ता सरकारी रास्ता है. अंश भाग रैयती है. उक्त रास्ते का प्रयोग गत कई वर्षों से परिचालन के लिए किया जा रहा है. वर्तमान रास्त्रे में मुख पर खेसरा संख्या 1288 एवं 1286 में प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र एवं मंदिर अवस्थित है. उक्त भवनों की निकासी एनएच टू सी पर होती है. इस संदर्भ में निम्न तथ्य अवलोकनिय है. प्रथम यह कि पूर्व में घाट संचालकों द्वारा रैयती रास्तों का उपयोग किया जाता रहा है. द्वितीय यह कि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा बनाई गई सड़क मात्र ग्रामीण उपयोग हेतु उपयुक्त है. भारी ट्रकों के चलने से लगातार उक्त सड़क के क्षतिग्रस्त होने की बात कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य मंडल प्रमंडल डेहरी के द्वारा कही गई है. तृतीय व सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि इस प्रकार रिहायशी इलाके से निकलने वाली ग्रामीण सड़क जिस पर स्कूल एवं आंगनबाड़ी के छोटे बच्चों व ग्रामीणों का आवागमन है, उससे ट्रकों के निकलने से होने वाली जान माल की क्षति की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है. उक्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर उसे सड़क पर भारी वाहनों के परिचालन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गयी है.
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