सासाराम ग्रामीण.
बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व मतदाता सूची में पुरनिक्षीण कराना एनडीए की साजिश है. क्योंकि, विधानसभा चुनाव से पूर्व इस तरह की मतदाता सूची में जल्दबाजी कुछ और ही बयां कर रहा है. उक्त बातें बुधवार को परिसदन में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सह बिहार कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहीं. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को अद्यतन करने के नाम पर चुनाव आयोग बिहार में आगामी चुनाव में मतदाताओं को वोट देने के अधिकार से वंचित करने की साजिश कर रहा है. यह कदम कांग्रेस और महागठबंधन के मतदाताओं को सुनियोजित तरीके से निशाना बनाकर उठाया गया है. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची की इस प्रक्रिया के तहत जिन दस्तावेजों की मांग की जा रही है, उन्हें समाज के पिछड़े वर्ग से आने वाले लोग इतने कम समय में उपलब्ध नहीं करा सकते. यह अभियान आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के लिए मददगार साबित होगा. इसलिए की चुनाव आयोग ने 24 जून को बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के निर्देश जारी किए, जहां साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. बिहार के लाखों गरीब लोगों को उनके मताधिकार से वंचित करने की ‘सुनियोजित साजिश’ चल रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब 2003 से ही विशेष पुनरीक्षण नहीं हुआ तो अब इसे करने की क्या जरूरत है? जबकि विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि हमारे बिहार में डबल इंजन की सरकार है.लेकिन, गुजरात के दो नेता बिहार की सरकार को चला रहा है. दोनों नेता मिलकर बिहार की जनता की खजाने को लूटने में लगे है.इस बार की बिहार विधान सभा के चुनाव में एनडीए की करारी हार होगी. मौके पर पार्टी के जिलाध्यक्ष अमरेन्द्र कुमार पांडेय, राजेश्वर कुशवाहा, मनीष चौबे, जोखन बिंद, महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष रिंकू देवी, एसीएसटी प्रदेश कमेटी के सदस्य रविंद्र कुमार पासवान, शमीम अंसारी, दीपक शुक्ला आदि शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

