सासाराम. ऑफिस अल्लाह का करम है कि हमें एक बार फिर रमजान जैसे पवित्र महीने का स्वागत करने का मौका मिल रहा है. हमलोगों को चाहिए कि इसके लिए खुद को तैयार रखें. उक्त बातें इमाम ए शहर सह जनरल सेक्रेटरी मजलिस उलेमा ए अहले सुन्नत बिहार मुफती मलिकुजजफर सहसारामी ने रमाजान के शुरू होने को लेकर गुरुवार को प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि इस्लामी कैलेंडर चांद पर आधारित है और महीने की पहली तारीख चांद के देखे जाने से ही शुरू होती है. ऐसे में 29 शाबान अल-मुअज्जम के अनुसार, 28 फरवरी शुक्रवार को रमजान माह का चांद नजर आने की संभावना है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि शुक्रवार के दिन चांद देखने के लिए विशेष प्रबंध करें. अगर चांद सामान्य तरीके से नहीं दिखाई देता है, तो स्थानीय इदारे से होने वाले ऐलान का इंतज़ार करें. उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इस्लाम के अनुसार शहादत (गवाही) देने के लायक है और चांद देखता है, तो उस गवाह को स्थानीय जिम्मेदार धार्मिक विद्वान के समक्ष होकर अपनी गवाही पेश करनी चाहिए, क्योंकि यह उनकी धार्मिक और नैतिक जिम्मेदारी है. चांद दिखने का मसला पूरी तरह धार्मिक मसला है. इसलिए शरीयत के आदेशों के अनुसार काम करें. रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन, मोबाइल और अन्य आधुनिक मीडिया से प्राप्त समाचार पर भरोसा न जताएं, क्योंकि यह केवल समाचार हैं. रमाजान माह साबित करने के लिए शरीअत के अनुसार गवाही की आवश्यकता होती है. इसलिए स्थानीय सुन्नी विद्वानों के शरीयत निर्णय के अनुसार काम करें. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि अल्लाह का करोड़ा-करोड़ करम (कृपा) और दया है कि रमजान जैसा मुबारक महीना हमारे सिरों पर छाने वाला है. हमें खुद को नेक जिंदगी जीने के लिए तैयार करना चाहिए. इसी महीने में उतरा है पवित्र कुरान इमाम ए शहर ने विशेष बातचीत के दौरान कहा कि यह महीना रहमतों, बरकतों और मगफिरत का महीना है. इसमें हर मुसलमान को अपनी जिंदगी को अल्लाह के करीब लाने का मौका दिया जाता है. हमें चाहिए कि हम अपनी आखिरत की खेती को उसकी रहमतों से हरा-भरा बनाये. रमजान सिर्फ भोका रहने का महीना नहीं है, बल्कि यह हमारे आध्यात्मिक सुधार, तक़वा और परहेजगारी की प्राप्ति और नेक कामों में उत्कृष्टता का मौका है. यह महीना हमें धैर्य, कृतज्ञता, इबादत और सेवा सिखाता है. अल्लाह ने इस महीने में पवित्र कुरान उतारा, जो हमारे इस्लामी जीवन में एक मील का पत्थर और मार्गदर्शन और मार्गदर्शन का स्रोत है. इस महीने के हर पल का लें आनंद उन्होंने कहा कि हमें इस महीने के धन्य और पवित्र घंटों को केवल औपचारिकता के रूप में नहीं बिताएं, बल्कि इसके हर पल का आनंद लें. सुबह से शाम तक उपवास केवल खाने-पीने से परहेज करने के बारे में नहीं है, बल्कि जीभ, दिल और कार्यों को हर तरह की बुराई से बचाने के बारे में भी है. रमाजान शरीफ का महत्वपूर्ण महीना हमें अपने अंदर धर्मपरायणता और परहेजगारी पैदा करने का सबक सिखाता है. यह हमें अपने गुनाहों की तौबा करने और अल्लाह से माफी मांगने का मौका देता है. जरूरतमंदों की करें मदद उन्होंने कहा कि पवित्र कुरान शरीफ की तिलावत, नमाज अदा करने, तरावीह अदा करने और ज्यादा से ज्यादा इबादतों में मशगूल रहने को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं. इस महीने की खुबी यह भी है कि हम रोजा रख कर उन गरीबों, यतीमों की भूख महसूस कर सकते हैं, जो दिन में एक बार ही किसी प्रकार रोटी खा पाते हैं. ऐसे में इस महीने में ही नहीं सालोभर आप अपने आसपास के जरूरतमंदों की मदद करें. उन्होंने कहा कि इस्लाम हमें आपसी प्यार, एकता, सद्भाव और भाईचारे का पाठ भी सिखाता है. रमजान इसी तर्ज पर चलता है. इस मौके पर हमें अपने दिलों में व्याप्त कड़वाहट को खत्म करने और अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है