सासाराम ऑफिस. इस्लाम धर्म में सबसे पाक महीना रमजान का महीना माना जाता है, जो रविवार से शुरू हो चुका है. इस महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रख अल्लाह की इबादत करेंगे. इस दौरान सुबह करीब पांच बजे तक सहरी करके रोजा रख शाम करीब 5.55 बजे मगरिब अजान होने के बाद रोजा खोलते हैं. इस दौरान शाम में मुंह धोने के लिए मिस्वाक व नीम के दातुन का इस्तेमाल करते हैं. इस्लाम धर्म में मिस्वाक से दांत साफ करना सुन्नत करार दिया गया है. इसको देखते हुए बाजार में मिस्वाक व नीम के दातुन की बिक्री बढ़ गयी है. शहर के धर्मशाला व करगहर चौक के समीप नीम का दातुन बेचने वाले सुरेश, लल्लू आदि दुकानदारों ने बताया कि रमजान में नीम के दातुन की डिमांड आम दिनों से ज्यादा बढ़ जाती है. इसलिए हम लोग उसी अनुसार नीम का दातुन लेकर आते हैं. पर वह भी कम पड़ जाता है. हाफिज मो सुल्तान ने बताया कि दांत साफ के लिए दूसरे तरह के दातुन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, लेकिन मिस्वाक के इस्तेमाल को सुन्नत माना गया है. इस्लाम में सुन्नत उन्हें कहा जाता है, जो काम पैगंबर मोहम्मद सल्लाहो अलैहे वसल्लम ने किए हैं. पैगंबर साहब रमजान में मिस्वाक से ही अपने दांत साफ करते थे. यही वजह है कि रमजान के महीने में मिस्वाक का इस्तेमाल बढ़ जाता है.
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