वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे का हो रहा निर्माणजमीन मालिकों ने कहा- पहले मुआवजा दें फिर करें काम
सासाराम सदर/ चेनारी. भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जमीन मालिकों ने शुरू होने के साथ ही रोक दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार पहले मुआवजे की राशि का भुगतान करें, उसके बाद ही परियोजना के कार्य को शुरू करने दिया जायेगा. जमीन मालिकों के अनुसार अधिग्रहित भूमि के बदले कई किसानों को मुआवजे का भुगतान हो चुका है और करीब 17 किसानों को चार गुना मुआवजा भुगतान के लिए न्यायालय ने आदेश दिया है. लेकिन, अभी भी दर्जनों किसान ऐसे है. जिनका विभिन्न कारणों से मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं हो सका है. ऐसे में सड़क निर्माण कंपनी के अधिकारी चेनारी, शिवसागर अंचलाधिकारी व पुलिस बल के साथ निर्माण स्थल पर पहुंचे. इसके बाद किसानों ने हंगामा शुरु कर दिया और कार्य को बंद करा दिया. इसमें शनिवार को कुछ किसानों व सीओ के बीच झड़प भी हुई. जमीन मालिकों का कहना है कि एनएचएआइ पहले जमीन के मुआवजे की राशि का भुगतान करें, उसके बाद उनकी जमीन पर सड़क निर्माण का काम शुरू करें.वरीय अधिकारियों की वार्ता के बाद शुरू हुआ निर्माण कार्य
मालूम हो कि अभी एक महीने पहले ही जिला के वरीय अधिकारियों द्वारा लगातार किसानों से वार्ता कर उन्हें भुगतान को लेकर आश्वस्त करने के बाद निर्माण एजेंसी से कार्य शुरू करा दिया था. लेकिन, निर्माण कार्य शुरू हुए अभी एक माह भी नहीं हुआ कि जमीन मालिकों ने जमीन को एनएचएआइ द्वारा कब्जे में लेते हुए उस पर काम शुरू करने का आरोप लगाते हुए रोक लगा दी. अब किसानों को ऐसा महसूस हो रहा है कि एक एक ओर किसानों की जमीन भी उनके हाथ से निकल गयी और निर्माण एजेंसी ने निर्माण कार्य भी शुरू करा दिया.वहीं, दूसरी ओर कई किसान अभी भी मुआवजे से वंचित है. जब तक सभी किसानों के खाते में मुआवजे की राशि नहीं आ जायेगी, तबतक किसान अपनी भूमि पर खेती करेंगे.किसान संघर्ष मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष ने कहा कि आगामी 10 जुलाई तक वहां के जमीन मालिकों के खाते में मुआवजे की राशि नहीं आती है, तो किसान इस वर्ष अपने भूमि में धान की फसल लगाने का काम करेंगे.
कहते हैं किसान
1. किसानों को उनके भूमि का वर्गीकरण के हिसाब से मूल्य नहीं दिया जा रहा है, जो कमर्शियल जमीन है या आवासीय जमीन है उसका भी दर कृषि के अनुसार दिया जा रहा है. अधिकारी बिना जमीन के भुगतान किये जबरन काम करना चाहते हैं.सुरेन्द्र कुमार, जिलाध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति2. जमीन के मुआवजे की राशि का बिना भुगतान किये एक्सप्रेस- वे में निर्माण में लगी एजेंसी को अपनी जमीन पर काम करने नहीं देंगे. एनएचएआइ पहले जमीन के मुआवजे का भुगतान करें, उसके बाद उनकी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करने देंगे.
पप्पू सिंह, किसान3. कमर्शियल और आवासीय जमीन का भी कृषि योग्य भूमि के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है. जबकि करीब 20 प्रतिशत अधिग्रहित भूमि कमर्शियल और आवासीय के दायरे में है. सरकार किसानों की भूमि पर जबरन कब्जा करना चाहती है, जो संभव नहीं है.सत्यनारायण यादव, किसान
4. जमीन का मुआवजा भुगतान होने तक एक्सप्रेस- वे निर्माण कार्य नहीं होने दिया जायेगा. सरकार किसानों की जमीन को जबरदस्ती हड़पने की कोशिश कर रही है. किसान की जमीन का भुगतान हुआ नहीं उससे पहले कभी मिट्टी टेस्टिंग तो कभी कई अन्य कार्य कराये जा रहे हैं.मोहम्मद तलब अंसारी किसान5. हम एक्सप्रेस-वे में अभी काम शुरू नहीं होने देंगे. जब तक हमारे सभी किसान भाइयों का भुगतान ना हो जाये. खाते में पैसा आने के बाद ही एक्सप्रेस-वे का कार्य शुरू होगा. उचित भुगतान के लिए हम किसान संघर्ष समिति के सभी किसान संघर्ष करते रहेंगे
सुधीर सिंह प्रखंड अध्यक्ष किसान संघर्ष समिति6. हमारा जमीन एक्सप्रेस-वे में जा रहा है. बिना भुगतान किये अधिकारियों के द्वारा हमारे जमीन पर कभी मिट्टी जांच करने तो कभी एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहित भूमि पर फसल लगाने पर रोक लगाने पहुंच जा रहे हैं, जो सरासर गलत है.
चंदन सिंह, चेनारी दक्षिणी जिला पार्षद प्रतिनिधि व किसानडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

