काराकाट. सासाराम-पटना ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे एनएच-119 ए का 30 मई को बिक्रमगंज में पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में कॉरिडोर का शिलान्यास हो जायेगा. कॉरिडोर के शिलान्यास के पूर्व क्षेत्र के किसानों व्यवसायियों में अधिग्रहित भूमि के मुआवजे की राशि कम मिलने से विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. वर्ष 2013 के सरकारी दर से कृषि योग्य किसानों की जमीन व भवन निर्माण जैसे व्यवसायिक जमीन को मुआवजे की राशि देने की प्रक्रिया शुरू है. इससे जमीन के मालिकों में असंतोष व्याप्त है. इन लोगों का कहना है कि वर्ष 2013 के महंगाई दर से 2025 की महंगाई दर की तुलना की जाए, तो महंगाई में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. बढ़ी महंगाई की दर के हिसाब से सरकार को मुआवजे की राशि देनी चाहिए. अगर सरकार मुआवजे की राशि वर्तमान बढ़े महंगाई की दर से नहीं देती, तो जनआंदोलन होगा. उक्त कॉरिडोर निर्माण पर मुआवजे की दर कम निर्धारण पर बाराडीह (श्रीरामपुर ) में रैयतधारी किसानों, नगरवासियों ने बैठक कर मुआवजे की राशि कम मिलने के खिलाफ मोर्चा खोला. बता दें कि काराकाट अंचल क्षेत्र में सोनवर्षा, कौपा, भरथाडीह,कुशी, किरही, पड़सर, हटिया, बुढ़वल, गोड़ारी, तेनुआ, बाराडीह, सुकहरा मौजा के सैकडों किसान पहुंचे, जिसमें सरकार से दी जाने वाली मुआवजे की राशि का विरोध किया. उक्त मौजे की अधिगृहित की जा रही जमीन के मालिकों को मुआवजे की राशि को नोटिश जारी की जा चुका है. लेकिन, जमीन अधिग्रहण होने से काफी नराजगी व्याप्त है. रोहतास व भोजपुर जिला में प्रथम फेज में सासाराम के सुअरा गांव से भोजपुर जिले के असनी गांव तक 74 किमी का ग्रीन फील्ड कॉरिडोर बनेगा व दूसरे फेज में पटना रिंग रोड (सादीसोपुर) से भोजपुर जिले के असनी तक 46 किमी. तक कॉरिडोर का निर्माण होगा. जमीन मालिकों के रुख से ये अंदेशा लगाया जा रहा है कि ग्रीन फील्ड कॉरिडोर निर्माण के समय कम मुआवजे की राशि मिलने के कारण विरोध झेलना पड़ सकता है. क्या हैं सरकारी दर: वर्ष 2013 से ग्रामीण क्षेत्र में घनहर जमीन का सरकारी दर एक डिसमील करीब 11 हजार पांच सौ रुपये, नगर पंचायत की जमीन का दर एक डिसमील एक लाख 75 हजार रुपये है. लेकिन, वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में एक डिसमील का आम बाजार भाव ग्रामीण क्षेत्र में एक डिसमील 45 हजार रुपये, नगर क्षेत्र में आठ से 10 लाख रुपये में बिक्री हो रही है. बैठक में रैयतधारी जमीन मालिक, नगरवासी बैठक में भाग लेने वालों में चितरंजन कुमार, विनय सिंह, माधव मुरारी सिंह, उदय भान सिंह, लालबाबू चौधरी, रामजी सिंह, राम नारायण सिंह, राम त्वकया चौधरी,रामबली सिंह सुरजदेव सिंह सहित कई थे. क्या कहते हैं जमीन मालिक ग्रीन फील्ड कॉरिडोर निर्माण भारतमाला परियोजना से होने वाला है. जमीन अधिग्रहण के लिए जो राशि देने का नोटिश निर्गत किया गया है, वो वर्ष 2025 के बढ़ी मंहगाई दर से क्यों नहीं दी जा रही है. सरकारी दर से अच्छी दर अभी आम बाजार भाव ज्यादा मिल रही है. किसानों को सरकार अनदेखी कर रही है, जो आगे भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है . चितरंजन कुमार, सुकहराडिहरी , किसान 2 -कम मुआवजा मिलने को लेकर जिलाधिकारी, उपविकास आयुक्त व कमिश्नर को लिखित सूचना उपलब्ध कराया हूं. आश्वासन मिला है देखते है कि सरकार के अधिकारी मुआवजा बढ़ाकर देते है या नहीं, अगर मुआवजे की राशि बढ़ाकर नहीं मिलती है, तो जन आंदोलन होगा. विधायक प्रतिनिधि, काराकाट , अवधेश सिंह जब वर्ष 2013 के सरकारी निर्धारित दर की राशि से मुआवजा दी जा रही है, तो इन 12 वर्षों में क्या महंगाई दर बढ़ी नहीं है. जमीन का दाम आसमान छूने लगा है. 12 वर्ष पुरानी दर से मुआवजा देना कहां तक उचित है. मुआवजा राशि सरकार को बढ़ाकर देनी चाहिए. संतोष कुमार सिंह, कायस्थ बहुआरा, किसान सासाराम पटना ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे एनएच -119 A का निर्माण राष्ट्रीय स्तर की कनेक्टीविटी के लिए बन रहा है. लेकिन, इससे हमे क्या फायदा है. हमारी जमीन जा रही है. वर्तमान में महंगाई के हिसाब से मुआवजा मिलना चाहिए. हजारी चौधरी, बाराडीह , श्रीरामपुर
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