खरीफ की नहीं हुई कटाई, निकलता जा रहा रबी बुआई का समय प्रतिनिधि, कोचस प्रखंड में इस वर्ष खेतों में बारिश का पानी जमे रहने से धान की कटाई बाधित हो रही है़ खेतों में अब भी पानी भरा होने से कटाई मशीनों का प्रवेश संभव नहीं है़ हाथ से कटाई करना किसानों के लिए समय, श्रम और लागत तीनों दृष्टि से बेहद कठिन साबित हो रहा है़ वहीं, रबी मौसम की बुआई का उपयुक्त समय तेजी से निकलता जा रहा है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गयी है़ किसानों का कहना है कि धान की फसल तैयार होने के बावजूद खेतों में पानी भरा है़ कई जगहों पर जलजमाव इतना अधिक है कि फसल सड़ने लगी है़ सबसे अधिक परेशानी निचले भूभाग वाले इलाकों में हो रही है, जहां समतल भूमि की अपेक्षा नमी अधिक है़ कमलाकांत पांडेय, अभिषेक तिवारी, अरविंद ओझा, विकास यादव, मुन्ना मिश्रा, राजेंद्र तिवारी, रविंद्र सिंह आदि किसानों ने बताया कि खरीफ फसल अब तक घर नहीं पहुंची़ वहीं, रबी फसल की बुआई की उम्मीदें धुंधली पड़ रही हैं. गेहूं, चना, मसूर और मटर की बुआई के लिए नवंबर का अंतिम सप्ताह व दिसंबर का प्रारंभिक समय महत्वपूर्ण है़ अत्यधिक नमी से खेत तैयार नहीं हो पा रहे़ किसानों ने आशंका जताई कि अगले एक सप्ताह में स्थिति सामान्य न हुई, तो रबी बुआई प्रभावित होगी, जिससे साल भर की आमदनी पर असर पड़ेगा़ किसानों ने कृषि विभाग व जिला प्रशासन से खेतों से पानी निकासी, जलनिकास नालों की सफाई व प्रभावितों के लिए राहत-अनुदान की मांग की़ मौसम, लागत व समय के दबाव में खेती जोखिमपूर्ण हो रही है, ऐसी स्थिति बनी रही तो खेती छोड़नी पड़ सकती है़ कृषि वैज्ञानिक विकास कुमार ने कहा कि देरी से कटाई व बुआई दोनों से उत्पादन में भारी गिरावट संभव है़
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