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तेलंगाना के केमिकल फैक्ट्री अग्निकांड : डब्लू बोला- मां बड़ी मुश्किल से मेरी जान बची है, साथ काम करने वाले शायद नहीं निकल पाये

तेलंगाना के केमिकल फैक्ट्री में लगी आग से काराकाट का एक जख्मी, तीन लोग लापता

काराकाट़ तेलंगाना के पासा मेलाराम गांव के सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र में स्थित सिंगाची केमिकल फैक्ट्री मंग 30 जून को दिन में करीब नौ बजे हुई अगलगी घटना से जख्मी होने के बाद किसी तरह जान बचाकर निकले डब्लू कुमार ने जब काराकाट थाना क्षेत्र के अमरथा गांव में अपने पिता शिवजी राम को मोबाइल पर बताया कि वह आग से झुलस गया है. फैक्ट्री में आग लगी है. अपने सभी साथी अंदर फंसे हैं, तो गांव में कोहराम मच गया. डब्लू के साथ फैक्ट्री में काम करने वाले अमरथा गांव के दिलीप गोसाई, दीपक कुमार व नागा पासवान के घर में कोहराम मच गया. पूरा गांव चिंतित हो उठा. इन तीनों का क्या हाल है? फिर क्या था? उसी समय से मंगलवार को समाचार लिखे जाने तक तेलंगाना से अमरथा गांव के लोग लगातार कॉन्टेक्ट में हैं. पर, अब तक दिलीप, दीपक व नागा का पता नहीं चल पाया है. गांव के कुछ लोग तेलंगाना जाने को तैयार हैं, पर कुछ सूचना का इंतजार कर रहे हैं.

घटना के बाद डब्लू ने किया था मां को फोन

डब्लू के पिता शिवजी राम ने बताया कि घटना के बाद करीब 9.30 बजे डब्लू ने अपनी मां के पास फोन किया था. कहा था कि मां, फैक्ट्री में आग लग गया है. मैं जल गया हूं. उसकी आवाज कंपकपा रही थी…. बोला बड़ी मुश्किल से मेरी जान बची है. मां, मेरे साथ काम करने वाले अभी तक शायद निकल नहीं पाये हैं. मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इलाज चल रहा है. ज्यादा चिंता नहीं करना. मैं ठीक हो जाऊंगा. उसने अस्पताल का नाम नहीं बताया, जहां उसका इलाज चल रहा है.

दीपक का आखिरी फोन कॉल था- पापा, फैक्ट्री में आग लग गयी है, अब बचना मुश्किल है…

सिंगाची केमिकल फैक्ट्री में डब्लू के साथ काम करने फैक्ट्री में गये. अमरथा गांव के दीपक पासवान का आखिरी कॉल शिवजी पासवान के पास आया था. दीपक की मां गंगोत्री देवी ने रोते-रोते बताया कि अपने पापा के पास दीपक ने फोन किया था. बोला था कि पापा, फैक्ट्री में आग लग गयी है. मेरा बचना मुश्किल है. इसके बाद उसका अब तक कोई न कॉल आया है और न कोई सूचना ही मिल रही है कि मेरा बेटा जिंदा है या नहीं. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा दो दिन पहले ही पहली बार बाहर काम करने तेलंगाना गया था. दीपक, के पिता की आंखों की रौशनी कम हो गयी है. वह हमारे घर का इकलौता कमाने वाला बेटा है. घर के हालात ने मेरे बेटे को मुश्किल में डाल दिया है. उसने एक दिन पहले ही तो फोन किया था. खुश था. बस एक तमन्ना सरकार से है कि वह मेरा बेटे को चाहे जिंदा या मृत अवस्था में मुलाकात करा दे.

नागा की गर्भवती पत्नी को उम्मीद है पति लौटेंगे

सिंगाची केमिकल फैक्ट्री में अग्निकांड के बाद से लापता मूल रूप से नासरीगंज प्रखंड के खिरियांव गांव निवासी वर्तमान में अपने ससुराल में अमरथा में रह रहे नागा पासवान पिता स्व बालेश्वर पासवान की पत्नी फूला देवी गर्भवती है. उसने बताया कि सोमवार की सुबह 10 बजे उनसे बात हुई थी. वह पैसे भेजने की बात कहे थे. मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं. कहां जाऊं. ग्रामीणों ने बताया कि नागा पासवान की शादी गांव में चंदा जुटाकर किया गया था. कुछ ही दिन पहले वह रोजी-रोटी के लिए परदेस गया था.

फैक्ट्री में जाने से पहले दिलीप ने पत्नी से की थी बातसिंगाची केमिकल फैक्ट्री में जाने से कुछ देर पहले दिलीप गोसाई, पिता राम गोसाई ने अपनी पत्नी मीरा गोसाई से फोन पर बात की थी. मुझे तो गांव के लोगों ने बताया कि वे जिस फैक्ट्री में काम करते हैं, उसमे आग लगी है. मेरे पति के साथ तीन लोग भी फैक्ट्री में फंसे हैं. हम क्या करें. कुछ समझ में नहीं आ रहा हैं. वो जिंदा हैं या नहीं, ये भी नहीं जानती. मेरे परिवार का पालन पोषण कैसे होगा. हमारी तीन लड़कियों में से अब तक मात्र एक की ही शादी हुई है. उनकी शादी कैसे करूंगी? एक बेटा है, जो अभी बहुत छोटा है. देवर हैं, जो दिव्यांग हैं. कैसे गुजर होगा. भगवान ने ये कैसा दिन दिखाया है.

श्रम विभाग ने परिवार का जाना हाल

घटना की सूचना पर मंगलवार को अमरथा गांव पहुंचे श्रम विभाग के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी देवाशीष कुमार ने चारों लोगों के परिवार से मुलाकात की. उन्हें बताया कि राज्य और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मामले की निगरानी कर रहे हैं. लापता लोगों की तलाश की जा रही है. घायलों का इलाज कराया जा रहा है. मृतकों के शवों की वापसी की प्रक्रिया भी तेजी से की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता देने की कार्रवाई शुरू कर दी है. बिहार प्रवासी मजदूर योजना के तहत परिजनों को दो-दो लाख रुपया देने का प्रावधान है.

फैक्ट्री के गार्ड से भिड़ गयी जख्मी डब्लू की बहन कंचन

फैक्ट्री में लगी आग से झुलसे डब्लू ने पिता शिवजी राम को अपने जख्मी होने की सूचना दी. इसके बाद शिवजी राम ने फैक्ट्री क्षेत्र पासा मेलाराम गांव में रह रही अपनी बेटी कंचन कुमारी को इसकी सूचना दी. कंचन ने फोन पर बताया कि पिता द्वारा सूचना मिलते ही मैं फौरन फैक्ट्री गेट पर भागी. भाई की जानकारी लेनी चाही, तो फैक्ट्री के गार्ड ने कुछ भी बताने से इन्कार किया. गार्ड के साथ मैं भिड़ गयी. खूब नोंक झोंक होने पर उसने अस्पताल पता गलत बता दिया. लेकिन, मैं किसी तरह अस्पताल का पता लगा कर फाइनेंशियल हॉस्पिटल बिरमपुरा पहुंच गयीं. डब्लू को आइसीयू में भर्ती देखी. मैं अभी अस्पताल में ही हूं. उसने बताया कि फैक्ट्री में एक शिफ्ट में करीब दो सौ लोग कार्य करते थे. फैक्ट्री में आग के बाद किसी को घुसने नहीं दिया जा रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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