सासाराम नगर. नगर निगम क्षेत्र में अंचल गठन करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. मंगलवार को नगर निगम कार्यालय में मेयर काजल कुमारी की अध्यक्षता में हुई सशक्त स्थायी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक में डिप्टी मेयर सत्यवंती देवी, नगर आयुक्त विकास कुमार व समिति के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में कुल चार विषयों पर चर्चा की गयी, जिसमें अंचल गठन भी शामिल रहा. मेयर ने बताया कि विभागीय निर्देशानुसार निगम क्षेत्र में अंचल गठन करने का निर्णय लिया गया है. इसके गठन से निगम के कार्यों को लोगों तक पहुंचाने में बहुत आसानी होगी. छोटे-छोटे कार्यों के लिए निगम कार्यलाय में लोगों को आना पड़ता है. ऐसे में अंचल का गठन हो जाने से उनको सारी सुविधाएं वहीं पर मिल जायेगी. एक अंचल में कितने वार्डों को रखा जायेगा? इन विषयों संबंधित अधिकारी व कर्मचारी को कार्य करने का निर्देश दिया गया है. जल्द ही उसका प्रारूप तैयार कर विभाग को भेज दिया जायेगा. इसके अलावा बैठक में बौलिया रोड व धर्मशाला रोड में चल रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा भी की गयी. बौलिया रोड में अबतक संवेदक ने कार्य प्रारंभ नहीं किया है, जिसको लेकर समिति के सदस्यों ने जल्द से जल्द कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया है. इलके अलावा दुर्गा मंदिर से निशांत सिनेमा होते हुए धनपुरवा गुमटी तक सड़क व आरसीसी नाला निर्माण कार्य, तकिया में वार्ड संख्या-12 में श्मशान घाट निर्माण कार्य, वार्ड 28 में शेरशाह होटल से पश्चिम तरफ आरसीसी नाला निर्माण सहित अन्य कार्यों को जल्द से जल्द प्रारंभ करने का निर्देश संबंधित संवेदकों को दिया गया. बैठक में निगम के वाहनों व उपकरणों को रखने के लिए पार्किंग और शेड निर्माण का निर्देश दिया गया. साथ ही पार्किंग के लिए स्थल चयन कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश समिति के सदस्यों ने दिया है. इसके अलावा सरैया में 15.44 करोड़ रुपये से बनने वाले मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर के लिए मॉडल प्राक्कलन राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी. पांच एकड़ जमीन में तैयार होगा एमआरएफ व साइंटिफिक लैनफिल साइट- नगर निगम का कचरा अब इधर-उधर नहीं फेंका जायेगा. इसे चेनारी प्रखंड के सरैया में अब रखा जायेगा. सरैया में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) और साइंटिफिक लैनफिल साइट का निर्माण करने के लिए राशि की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है. एमआरएफ सेंटर के निर्माण पर 10.59 करोड़ रुपये खर्च कर किया जायेगा. वहीं, 100 टन प्रतिदिन गीला कचरा प्रबंधन के लिए 4.85 करोड़ रुपये से कंपोस्ट प्लांट बनाया जायेगा. कचरा डंपिंग प्वाइंट नगर निगम क्षेत्र से करीब 19 किलोमीटर की दूरी पर होगा. इस सेंटर पर कॉम्पैक्टर से निगम का कचरा पहुंचाया जायेगा. यहां पर सूखा कचरा से अलग-अलग मटेरियल की छंटाई की जायेगी, जो रिसाइकल करने के योग्य होंगे. उन्हें रिसाइकिल किया जायेगा और जो इस योग्य नहीं होंगे उन्हें मशीन के माध्यम से तोड़ दिया जायेगा. वहीं, गीले कचरे से खाद बनायी जायेगी. इसके लिए विभाग ने एक मॉडल प्राक्कलन तैयार किया है. इस मॉडल प्राक्कलन को स्टैंडिंग सदस्यों ने स्वीकृति प्रदान की है.
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