सासाराम सदर. जिला के स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए बिहार सरकार की कई योजनाएं चलायी जा रही है. जिले के सरकारी अस्पताल की ओर लोगों के झुकाव के लिए स्वास्थ्य सुविधा के साथ भवन व सौंदर्यीकरण पर भी विशेष कार्य किया जा रहा है. इसके तहत रोहतास जिले के भी करीब 60 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का कायाकल्प कराया गया था. इसकी जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से मार्किंग की गयी थी. इसके तहत नोखा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 82.5 प्रतिशत, तिलौथू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को 77.2 प्रतिशत, राजपुर पीएचसी को 77 प्रतिशत, सूर्यपुरा को 74, अकोढ़ीगोला को 72 व दिनारा पीएचसी को 71.5 अंक प्राप्त हुआ. जहां मार्किंग के हिसाब से ज्यादा मार्क्स लाने वाले नोखा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को जिले में प्रथम स्थान मिला. इसके लिए नोखा पीएचसी को प्रोत्साहन के रूप में दो लाख रुपये की राशि व पांचों शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा तिलौथू, अकोढ़ी गोला, दिनारा, राजपुर, सूर्यपुरा व 13 अन्य पीएचसी को विभाग ने प्रोत्साहन के रूप में पचास-पचास हजार रुपये की राशि दी गयी.
एचडब्ल्यूसी में रोहतास प्रखंड के रसूलपुर को मिला प्रथम स्थान
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में भी कायाकल्प किया गया था. इसमें रोहतास प्रखंड के रसूलपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ने 88 प्रतिशत अंक के साथ प्रथम स्थान पाने कामयाब रहा. इसके लिए विभाग ने रसूलपुर एचडब्ल्यूसी को को विभाग ने प्रोत्साहन के रूप में एक लाख रुपये दिया. इसके अलावा बेहतर करने वाले दावथ के सेमरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को द्वितीय व डेहरी स्थित सुजानपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को तृतीय स्थान प्राप्त करने पर 35-35 हजार की राशि दी गयी. इसके अलावा जिले के 34 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को सांत्वना पुरस्कार के रूप में 25- 25 हजार रुपये की राशि प्रदान की गयी है.इन मानकों के आधार पर अस्पतालों को मिला अंक
जिला कंसलटेंट क्वालिटी एश्योरेंस डॉ राजीव कुमार ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों का कायाकल्प किया गया है. कायाकल्प में बेहतर अंक लाने के लिए आधा दर्जन से अधिक मानकों को पूरा करना था. इसमें स्वच्छता, सफाई, संक्रमण नियंत्रण, रोगी अनुभव में सुधार, मानकों का पालन, सुविधाओं में सुधार, बायोमेडिकल वेस्ट स्टोरेज, रोगियों से बेहतर व्यवहार शामिल है. इसके तहत मार्किंग के आधार पर बेहतर करने वाले अस्पतालों को अलग-अलग राशियों से प्रोत्साहित किया गया है. अस्पतालों को मिली राशि मे से 25 प्रतिशत अस्पताल के अधिकारी व कर्मी तथा 75 प्रतिशत अस्पताल के मेंटेनेंस पर खर्च होगा.
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