सासाराम सदर. गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है. जब मैं सासाराम में सात वर्ष पूर्व आया था, तो इसी सदर अस्पताल में सुविधाओं का घोर अभाव था. रास्ते में गड्ढे उभरे थे. बारिश के दिनों में अस्पताल परिसर में पानी भर जाता था. यहां की स्थिति देख जब में पटना पहुंचा, तो अधिकारियों तक यह बात पहुंचायी और बेहतर अस्पताल निर्माण कराने की मांग की. उसके बाद मुख्यमंत्री ने स्वीकृति दे दी. सरकार की देन हैं कि सासाराम जैसे शहर में इतना बड़ा अस्पताल का सौगात मिला. पहले रोहतास और कैमूर से भारी संख्या में मरीज वाराणसी जाते थे. लेकिन, मॉडल अस्पताल शुरु होने के बाद जिले के मरीजों को अपने शहर में ही बेहतर सरकारी चिकित्सा मिलेगी. उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने रविवार को सदर अस्पताल परिसर में 55.36 करोड़ की लागत से 200 बेडों का बना मॉडल अस्पताल भवन के उद्घाटन के अवसर पर कहीं. उन्होंने कहा कि जब दो दशक पहले बिहार के सरकारी अस्पतालों का देश स्तर पर आंकड़ा देखा जाता था, तो नीचे से ही देखना पड़ता था कि बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की रैंकिंग क्या है. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री के प्रयास से बिहार दवा उपलब्धता में 11 महीने से और टीकाकरण में छह माह से देश में नंबर एक पर है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है. चिकित्सा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए 1.8 करोड़ से शहरी व 15.42 करोड़ की लागत से पंचायत स्तर पर सरकारी अस्पताल बनाया जा रहा है. इससे ग्रामीण इलाके के लोगों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा दिलायी जा सके. अब फार्मेसी की पढ़ाई कर घर की बेटियां करेंगी मरीजों का इलाज जैसे-जैसे बिहार में स्वास्थ्य विभाग के भवन निर्माण व सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है. इसको धरातल पर लाने के लिए इसी माह 20 हजार चिकित्सक व कर्मियों की वैकेंसी निकाली जा रही है. इसमें 7400 एएनएम, 4500 एएनएम व 700 चिकित्सकों के पद पर बहाली होगी. मंत्री ने कहा कि पहले बिहार में फार्मेसी स्कूल नही था. इससे हमारे घरों की बेटियों को पढ़ाई करने के लिए दूसरे प्रदेशों का सहारा लेना पड़ता था. वहीं, इस पद पर पहले अस्पताल में कार्यरत महिलाएं दूसरे प्रदेशों की होती थी. लेकिन, अब बिहार के पांच जिलों में फार्मेसी स्कूल का शुभारंभ कर पढ़ाई करायी जा रही है. जहां से निकली अब अपने घर की बेटियां ही अपने लोगों की इलाज कर पायेंगी और उनको अपने राज्य में ही स्वास्थ्य विभाग में रोजगार भी मिल पायेगा. कार्यक्रम का संचालन कौशलेंद्र शर्मा ने किया. जबकि, धन्यवाद ज्ञापन के साथ सिविल सर्जन डॉ मणिराज रंजन ने कार्यक्रम के समापन का घोषणा किया. कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सह विधायक मुरारी प्रसाद गौतम, एमएलसी जीवन कुमार, पूर्व विधायक ललन पासवान, जवाहर प्रसाद, सत्यनारायण यादव, जिलाध्यक्ष संतोष पटेल, डॉ सचिन कुमार, मालती कुशवाहा, उषा पटेल, अस्पताल उपाधीक्षक डा़ बीके पुष्कर, एसीएमओ डॉ अशोक कुमार, डॉ राजीव रंजन, स्वास्थ्य प्रबंधक अजय कुमार, डीडीसी विजय विजय पांडेय, एसडीओ आशुतोष रंजन, मधुकर कुमार, पिंटू कुमार आदि मौजूद थे. मॉडल अस्पताल का अभी मरीजों को नहीं मिलेगा लाभ सासाराम सदर. सदर अस्पताल परिसर स्थित नवनिर्मित मॉडल अस्पताल का स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने रविवार को उद्घाटन तो कर दिया. लेकिन, उसमें स्वास्थ्य सुविधा शुरु होने में अभी करीब डेढ़ से दो माह लगेंगे. अस्पताल की बिल्डिंग तैयार हो गयी है. काउंटर, वार्ड भी बांट बोर्ड लगा दिया गया है. लेकिन, अभी जांच व इलाज की व्यवस्था नहीं की गयी है. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा अभी सदर अस्पताल में इलाज चल किया जा रहा है. लेकिन, सदर अस्पताल की सभी सुविधाओं को एक से डेढ़ माह के भीतर मॉडल भवन में स्थापित करें. उन्होंने एक से डेढ़ माह के भीतर नये भवन में स्वास्थ्य सुविधा को शुरु कराने के लिए सिविल सर्जन को कहा.
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