दिनारा. प्रदेश में मतदाता सूची को लेकर छिड़ी सियासी जंग के बीच दिनारा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा व राजद के बीच रार छिड़ गयी है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह ने गत दिन वोटर लिस्ट के कुछ पन्नों के साथ एक पत्र निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी को दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि 210 दिनारा विधानसभा क्षेत्र के प्रारूप मतदाता सूची में कुछ मतदाता संदिग्ध प्रतीत होते हैं. संलग्न सूची में दर्शाये गये मतदाताओं की जांच करायी जाये तथा इन नामों को निर्वाचन सूची से विलोपित करने की आवश्यक कार्रवाई की जाये. इसी पत्र को लेकर राजद विधायक विजय कुमार मंडल ने कहा कि भाजपा वोटर लिस्ट से लगभग दो हजार से अधिक लोगों का नाम कटवाने की कोशिश कर रही है. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष इतना भी ज्ञान नहीं है कि नाम कैसे जोड़ा जाता है और कैसे काटा जाता है? आवेदन के साथ दी गयी सूची में अधिकांश यादव, मुसलमान और कुछ दलित परिवारों का नाम दिया गया है. उन्होंने कहा कि मैंने आयुक्त पटना प्रमंडल, डीएम और निर्वाचन पदाधिकारी दिनारा तीनों से बात की थी और कमिश्नर के यहां बैठक में भी मैं मौजूद था. मैंने स्वयं मांग की थी कि जिसका भी डबल नाम है, उसका नाम वोटर लिस्ट से काटना चाहिए. लेकिन, भाजपा के राजेंद्र जी को डबल नाम नहीं हटाना है. ये अपने विरोधियों का नाम हटवाना चाहते हैं. मैं उनके इस कृत्य की घोर निंदा करता हूं. दिनारा की महान जनता पर मैं विश्वास व्यक्त करता हूं. सबको वोट देने का अधिकार है. हमें सभी लोगों पर भरोसा है, लेकिन इन्हें किसी पर भरोसा नहीं है. दिनारा की जनता इसका चुनाव के समय जवाब जरूर देगी. उधर, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि विधायक का आरोप निराधार व बेबुनियाद है. शायद मेरे पत्र को विधायक जी ने ढंग से नहीं पढ़ा है. मैने यह नहीं कहा है कि सभी का नाम वोटर लिस्ट से काटना चाहिए, मैंने अपने पत्र के माध्यम से कहा है कि संलग्न सूची में दर्शाये गये मतदाताओं की जांच करायी जाये. इन नामों को निर्वाचन सूची से विलोपित करने की आवश्यक कार्रवाई की जाये. उन्होंने कहा कि मैं भी तो वही कह रहा हूं, पहले इसकी जांच होनी चाहिए.
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