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Saran News : जेपी विवि में पीजी में नामांकित छात्रों को मिलेगी सीबीसीएस सिलेबस की जानकारी

Saran News : जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत पीजी सत्र 2023-25 में नामांकन की प्रक्रिया क्लोज हो गयी है.

छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत पीजी सत्र 2023-25 में नामांकन की प्रक्रिया क्लोज हो गयी है. जिन छात्रों ने नामांकन के लिए अप्लाइ किया था यदि वह किसी तकनीकी त्रुटि के कारण निर्धारित तिथि में नामांकन नहीं करा सके हैं. तो उन्हें 20 मई तक नामांकन का एक अवसर मिलेगा. छात्र कल्याण विभाग द्वारा जल्द ही वर्ग संचालन को लेकर भी गाइडलाइन जारी कर दिया जायेगा. पीजी में नामांकित छात्रों को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, सीबीसीएस के सिलेबस से जुड़कर नये व रोचक विषयों को पढ़ने का अवसर मिलेगा. जेपीयू में पीजी में 2018 के सत्र से ही सीबीसीएस लागू है. जिसके बाद छात्रों को नये पैटर्न साथ पढ़ाया जा रहा है. सीबीसीएस सिलेबस काफी सहज व छात्रों के लिए हितकर है. इस व्यवस्था से छात्र-छात्राएं सकारात्मक व सृजनात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेंगे. छात्रों को बीच सत्र में स्ट्रीम से हटकर अलग विषय पढ़ने की आजादी मिलेगी. कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई ने सभी पीजी कॉलेजों व जेपीयू पीजी विभागों के छात्रों को सिलेबस की पूर्ण जानकारी देने हेतु गाइडलाइन भी जारी किया है. नामांकित छात्रों को वर्ग संचालन के दौरान सिलेबस की जानकारी दी जायेगी.

कोर कोर्स के साथ एडिशन विषय अनिवार्य

पीजी में पुराने पैटर्न के अंतर्गत चार सेमेस्टर में अलग-अलग पत्र निर्धारित किया गया था. जिसके अनुसार ही सभी सेमेस्टर को पूरा करना अनिवार्य था. सीबीसीएस के लागू होने के बाद विषय के अंतर्गत चार कोर कोर्स बनाये गये हैं. जिसके आधार पर ही परीक्षा होगी. कुछ नया वेरियशन शामिल है. विज्ञान संकाय के छात्रों को चेप्टर में वेरियेशन मिलेगा. वहीं मानविकी संकाय के विषयों में लिटरेचर में वेरियेशन मिलेगा. वहीं सभी सेमेस्टर में एक अनिवार्य विषय एडिशनल में रखना होगा. फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों के लिए भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ भारत अभियान को विषय के पैटर्न पर पढ़ाया जा रहा है. एडिशनल विषय की परीक्षा 100 अंकों की होगी. जिसमें 50 अंक की आंतरिक व वायवा की परीक्षा ली जायेगी. वहीं शेष 50 अंक की थ्योरी परीक्षा होगी. वहीं फर्स्ट सेमेस्टर उत्तीर्ण करने के बाद सेकेंड व फोर्थ सेमेस्टर के बीच सीबीसीएस के तहत फैशन डिजाइनिंग, कम्युनिकेशन लैंग्वेज, स्किल ट्रेंनिग जैसे एडिशनल सब्जेक्ट का अध्ययन छात्र-छात्राएं कर सकते हैं.

छात्रों के लिए कैसे लाभदायक होगा सीबीसीएस

सीबीसीएस अपने कोर्स से उस विषय को हटाने का विकल्प देती है जिसकी पढ़ाई छात्र-छात्राएं नहीं करना चाहते. अगर छात्रों को नामांकन के बाद लगता है कि उस विषय को पढ़ना उनके लिये फायदेमंद साबित नही होगा तो अन्य स्ट्रीम के विषय भी बीच सत्र में भी विकल्प के तौर पर चुन सकते हैं. इसके माध्यम से छात्र-छात्राएं दूसरे स्ट्रीम के अपने पसंदीदा विषय की पढ़ाई कर सकते हैं. जो उनके कैरियर के लिये लाभदायक साबित होगा. वहीं मेन स्ट्रीम की पढ़ाई के साथ-साथ दूसरे स्ट्रीम के रोचक विषय पढ़ना आसान हो जायेगा. पहले छात्रों ने अगर कला या विज्ञान में नामांकन कराया है तो उस स्ट्रीम से जुड़े सब्जेक्ट ही विकल्प के तौर पर चुन सकते थे. च्वाइसबेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू हो जाने के बाद मेन स्ट्रीम में जुड़े रहकर भी दूसरे स्ट्रीम के अन्य विषयों को पढ़ने की आजादी मिलेगी.

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