Saran News: छपरा में बिना रजिस्ट्रेशन के प्राइवेट स्कूल संचालित कर रहे संचालकों के खिलाफ विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. एक सर्वेक्षण कराते हुए अनरजिस्टर्ड पाये गये 159 स्कूलों पर एक एक लाख का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना के बावजूद स्कूल बंद नहीं करते हैं और नियमित संचालन करते हैं तो प्रतिदिन 10000 की दर से अलग से जुर्माना वसूला जायेगा. शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों को ई-शिक्षा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया है, लेकिन सारण के 159 प्राइवेट स्कूलों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. हालांकि यह विभागीय आंकड़ा है, जबकि वास्तविकता कुछ और है और अनरजिस्टर्ड स्कूलों की संख्या अब भी सारण में 600 से अधिक है.
शुरू हुई कार्रवाई
बिना रजिस्ट्रेशन के स्कूल चलाने पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गयी है, जिसमें जुर्माना और स्कूल बंद की जा रही है. स्कूल बंद करने के बाद उसमें नामांकित बच्चों को पास के सरकारी स्कूल में स्थानांतरित किया जा रहा है.
शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हो रही कार्रवाई
यह पूरी कार्रवाई की प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत बिहार में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे निजी विद्यालयों पर सख्त कार्रवाई होने जा रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी निजी विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बताया है. स्कूल प्रबंधन को एनओसी के लिए शिक्षा विभाग से स्थल निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन कराना जरूरी है. ऑनलाइन आवेदन. स्कूल के बारे में ऑनलाइन आवेदन में दी गई जानकारी के आधार पर जांच टीम निरीक्षण करेगी. संतुष्ट होने पर जियो मैपिंग कराकर रिपोर्ट दी जाएगी. अब सिर्फ रजिस्टर्ड सोसायटी को ही प्राइवेट स्कूल खोलने की मान्यता मिलेगी. अभिभावक अपने बच्चे का मोबाइल नंबर के साथ ज्ञानदीप पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. आवेदन करने के समय माता-पिता या उनके अभिभावक के आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य होगा.
क्या है जुर्माने का प्रावधान
बिना रजिस्ट्रेशन के स्कूल चलाने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा रहा है. निर्धारित तिथि के बाद भी बिना प्रस्वीकृति के स्कूल संचालित रहने पर प्रत्येक दिन के लिए 10 हजार रुपये जुर्माना किया जा सकता है.
नहीं दे सकते टीसी
बिना रजिस्ट्रेशन वाले स्कूलों द्वारा जारी किए गए टीसी को मान्य नहीं किया जा रहा है और ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है. अब जो कार्रवाई हो रही है इसका परिणाम काफी गंभीर होना तय माना जा रहा है. एकमा में चार, इसुआपुर में दो, बनियापुर में 14 मशरक में 11, रिविलगंज में पांच, परसा में 12, पानापुर में नौ, सोनपुर में पांच, दरियापुर में आठ, छपरा सदर में 18, तरैया में 18, जलालपुर में 13, अमनौर में 21, गड़खा में नौ, लहलादपुर नौ शामिल हैं.