सोनपुर. हरिहर क्षेत्र सोनपुर में लगा भव्य मेला यहां आने वाले लोगो के बीच अपने आप में एक अद्भुत ऊर्जा पैदा करता है. यही कारण है कि मेले के दुकान और प्रदर्शनी खुलने से पहले ही रविवार की सुबह मेला क्षेत्र मे जनसैलाब उमड़ना शुरू हो गया. यह जनसमूह केवल भीड़ नहीं, बल्कि सप्ताह भर की थकान को उतारने और उत्सव का आनंद लेने आये लोगों का एक उत्साहित समूह था. सुबह के आठ-नौ बजते ही, मेले की ओर जाने वाली सड़कों पर लोगों की भीड़ आनी शुरू हो गयी. बच्चे, बुजुर्ग, युवा और महिलाएं हर कोई अपने-अपने तरीके से इस दिन का अधिकतम लाभ उठाने को आतुर दिखाई दे रहे थे. सबसे पहले आने वाले लोग अक्सर वह होते हैं जो शांत माहौल में मेले का मज़ा लेना चाहते हैं, या फिर किसी खास प्रदर्शनी को भीड़ से पहले देखना चाह रहे थे. मेले के अंदर का दृश्य तो और भी मनोरम लग रहा था.
हरिहरनाथ मंदिर में उमड़े भक्त
जैसे ही बाबा हरिहरनाथ मंदिर का प्रवेश द्वार खुला, लोगों का एक बड़ा हुजूम एक साथ अंदर प्रवेश करता है, मानो किसी नदी का बांध टूट गया हो. सबसे पहले बाबा हरिहरनाथ का दर्शन और पूजन होता है. इसके बाद मेले के मीना बाजार पहुंचते ही चारों ओर एक विशेष किस्म का शोरगुल और उत्साह सुनाई देता है. यह जनसैलाब सबसे पहले मनोरंजन के मुख्य केंद्रों की ओर बढ़ता है रोमांचक झूले बड़े और ऊंचे झूलों के पास सबसे पहले भीड़ लगती है, जहां युवा और बच्चे लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. खिलौनों की दुकान पर बच्चों के लिए खिलौने और गुब्बारे खरीदने वाले स्टॉलों पर माता-पिता की भीड़ जमा हो जाती है.खान-पान के स्टॉल सुबह का नाश्ता और मेले के खास व्यंजन, जैसे गर्मागर्म इमरती और समोसे, खाने वालों की कतारें लग जाती हैं. इस जनसैलाब की खास बात यह होती है कि यह केवल मौज-मस्ती करने नहीं आता, बल्कि यह एक सामाजिक अवसर भी होता है. लोग राह चलते हुए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं, कुशल-मंगल पूछते हैं, और साथ मिलकर इस उत्सव का हिस्सा बनते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

