saran news : छपरा
छपरा नगर निगम को निगम का दर्जा मिले 10 साल हो गये, लेकिन आज तक निगम ने शहर के यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में नहीं रखा शायद यही कारण है कि आज तक यहां की सड़कों के चौक-चौराहों पर यात्री शेड या यात्री पड़ाव नहीं बनाये जा सके. इससे यात्रियों को हर मौसम की मार झेलते हुए वाहनों का इंतजार करना पड़ता है. इतना ही नहीं सड़कों के किनारे खड़े रहने से दुर्घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है. कुछ सामाजिक संगठनों ने एक-दो जगह यात्री शेड तो बनाया, लेकिन वहां सुविधाओं की कमी देखी जा सकती है.वृद्ध और दिव्यांग को होती है सबसे अधिक परेशानी
वाहनों के इंतजार में यदि सबसे अधिक किसी को परेशानी होती है तो वह है वृद्धि और दिव्यांग यात्री, जिन्हें वाहनों का इंतजार करने के लिए भी घंटों खड़ा रहना पड़ता है. कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि यात्री दुर्घटना का शिकार हो गया और उन्हें राहगीरों द्वारा इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. इतना ही नहीं बैठने की जगह नहीं होने की वजह से ऐसे लोग सड़क के किनारे ही बैठ जाते हैं, जिसकी वजह से दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं अधिक होती हैं.सरकारी बस स्टैंड का यात्री शेड भी सुविधा विहीन
सबसे बड़ी बात है कि सरकारी बस स्टैंड के रूप में जाना जाने वाला पथ परिवहन निगम का यात्री शेड भी काफी खराब हालत में है. यहां सुविधाओं की भी कमी देखी जा सकती है. यात्री शेड का निर्माण पांच साल पहले एक एजेंसी द्वारा किया गया था, लेकिन उसके बाद से आज तक यात्री शेड के मेंटेनेंस के लिए कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं हो पायी है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यात्री शेड के रखरखाव का जिम्मा सरकार का है. सरकार के पास लोगों के हित के लिए समय नहीं है.सबने की है नागरिक सुविधा और सुरक्षा की अनदेखी
नगर निगम क्षेत्र के लोगों ने बताया की यात्री शेड की दयनीय स्थिति से सांसद, विधायक, निगम के कार्यपालक अभियंता, जिले के प्रशासनिक पदाधिकारी सहित अनेक लोगों को अवगत कराया गया, लेकिन अभी तक कोई भी समाधान नहीं हो पाया है. निगम द्वारा भी उचित साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

