छपरा. जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में शनिवार को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत जिलास्तरीय निगरानी व अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की गयी. बैठक में अधिनियम के अंतर्गत चल रहे मामलों, मुआवजा भुगतान, आश्रितों को पेंशन और नौकरी की स्थिति सहित अन्य बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई. जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा बैठक में बताया गया कि वर्ष 2018 से 2025 के बीच अधिनियम के तहत कुल 2,455 मामले दर्ज किये गये, जिनमें से 2,101 मामलों में पीड़ितों या उनके आश्रितों को प्रथम किस्त के मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है.
345 मामलों में हुआ आपसी समझौता
बैठक में यह भी बताया गया कि 345 मामलों में आपसी संधि या सुलह के माध्यम से विवादों का समाधान किया गया है. वहीं, वर्ष 2025 के नौ मामलों में प्रथम किस्त के मुआवजे का भुगतान लंबित है, जिसे लेकर जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. वर्ष 2025-26 में अभी तक 129 मामलों में कुल 84.19 लाख रुपये मुआवजे का भुगतान किया गया है. मृत्यु के मामलों में 54 निकटतम आश्रितों को नियमानुसार पेंशन दी जा रही है, जिसका भुगतान माह अप्रैल 2025 तक पूरा किया जा चुका है.तीन आश्रितों को मिली नौकरी, दो प्रक्रियाधीन
बैठक में यह भी बताया गया कि तीन आश्रितों को सरकारी नौकरी प्रदान की गयी है, जबकि दो अन्य मामलों में नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है, जिसे शीघ्र पूरा करने का आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया. बैठक में गड़खा विधायक, पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय), जिला कल्याण पदाधिकारी, समिति के अन्य सदस्यगण तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न थाना प्रभारी भी शामिल हुए. जिलाधिकारी ने अंत में कहा कि पीड़ितों को समय पर न्याय एवं सहायता दिलाना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है