दिघवारा. दुर्गा पूजा का त्योहार गुरुवार को जगह-जगह मां दुर्गा की मूर्तियों के विसर्जन के साथ शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया. इस दौरान नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में भक्तों ने मां दुर्गा के अंतिम दर्शन किए और नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी. विसर्जन के दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की पूजा अर्चना भी की. बाद में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच मूर्तियों को निर्धारित जगहों पर विसर्जित कर दिया गया. श्रद्धालुओं की आस्था के आगे मौसम की एक न चली और मूसलाधार बारिश के बीच श्रद्धालुओं ने बारिश के बीच खड़े होकर नम आंखों से मां दुर्गा को अंतिम विदाई दी.
दोपहर बाद से ही दिघवारा बाजार में जुट गए थे श्रद्धालु, चप्पे चप्पे पर दिखी भीड़
मुख्य बाजार में दोपहर बाद से ही ग्रामीण इलाकों के लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था और हर कोई मां दुर्गा को अंतिम विदाई देखने को आतुर नजर आया. जिला परिषद की बिल्डिंग समेत लीची बाबा मंदिर के अलावे कई ऊंची बिल्डिंग पर बैठे लोगों के अलावे विभिन्न चौक चौराहा पर खड़े भक्तों ने देवी दुर्गा के अंतिम दर्शन किए और उन्हें अंतिम विदाई दी. हर पूजा समिति के सदस्य मूर्तियों के भ्रमण के दौरान सक्रिय दिखे. नगर पंचायत के बस स्टैंड आर्यमंडल क्लब, माल गोदाम, सब्जी मंडी, शंकरपुर रोड, नकटी देवी रोड, स्टेशन रोड, अंबेडकर चौक और पेट्रोल पंप के सामने की मूर्तियों को बारी-बारी से निकाला गया और बाजार में हजारों श्रद्धालुओं ने सभी मूर्तियों के अंतिम दर्शन किए और मां दुर्गा को अंतिम विदाई दी. बरबन्ना, बसतपुर, शीतलपुर और छतर छपरा आदि जगहों पर भी प्रबुद्ध लोगों के नेतृत्व में मूर्तियों को विसर्जित किया गया. मानुपुर, सैदपुर, बगही आदि जगहों से निकले जुलूस में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी जगह-जगह मां दुर्गा की मूर्तियों को क्षेत्र भ्रमण करने के बाद विसर्जित किया गया. इस दौरान कहीं महिलाओं ने विदाई के पारंपरिक गीत गाए तो कहीं युवाओं को समूह में करतब दिखाते देखा गया.
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