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जेपीयू के प्रीमियर कॉलेज में भी 50 फीसदी से अधिक सीट रिक्त

जयप्रकाश विश्वविद्यालय में पहली, दूसरी व तीसरी सूची में नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब विषय चेंज कर जिन छात्रों ने नामांकन के लिए अप्लाइ किया था. उन छात्रों के नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है.

छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में पहली, दूसरी व तीसरी सूची में नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब विषय चेंज कर जिन छात्रों ने नामांकन के लिए अप्लाइ किया था. उन छात्रों के नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. चार बार नामांकन के लिए लिस्ट जारी करने के बावजूद भी विश्वविद्यालय के प्रीमियर कॉलेज समेत कई प्रमुख कॉलेजों में सीट खाली रह गयी है. विश्वविद्यालय के अंतर्गत छपरा में संचालित राजेंद्र महाविद्यालय जेपीयू के प्रीमियर कॉलेज में शुमार है. यह विश्वविद्यालय के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेजों में जाना जाता है. इस कॉलेज में स्नातक के अंतर्गत विश्वविद्यालय में शामिल सभी विषयों की पढ़ाई होती है. स्मार्ट क्लास, समृद्ध प्रयोगशाला, लाइब्रेरी तथा एनएसएस की तीन इकाइयां व एनसीसी का एक यूनिट भी कॉलेज में चलता है. उसके बावजूद भी इस बार राजेंद्र कॉलेज में स्नातक में 50 फीसदी से अधिक सीट खाली रह गयी है. राजेंद्र कॉलेज के प्राचार्य प्रो सुशील कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कला, विज्ञान तथा वाणिज्य के अंतर्गत कॉलेज में 2120 सीट है. लेकिन 22 अगस्त को विषय चेंज कर नामांकन के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के दाखिले की प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत करीब 1100 सीट अभी भी रिक्त रह गयी है. जयप्रकाश महिला कॉलेज, गंगा सिंह कॉलेज, पीसी विज्ञान कॉलेज व जगदम कॉलेज में भी कई प्रमुख विषयों में 30 से 40 फीसदी सीट खाली रह गयी है.

एक दशक पहले राजेंद्र कॉलेज में नामांकन के लिए लगती थी पैरवी

शहर के राजेंद्र कॉलेज में एक दशक पहले तक स्नातक व पीजी के अंतर्गत नामांकन के लिए काफी प्रतिस्पर्धा रहती थी. पहली सूची जारी होने के तीन से चार दिनों में ही 70 से 80 फीसदी सीटों पर दाखिला हो जाता था. उसके बाद बची हुई सीटों पर नामांकन के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी. कई अभिभावक प्राचार्य एवं विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को कॉलेज में दूसरी सूची में नाम जारी करने को लेकर पैरवी भी लगाते थे. छपरा ही नहीं बल्कि सीवान व गोपालगंज के छात्र-छात्राएं भी राजेंद्र कॉलेज में आकर पढ़ाई करना चाहते थे. लेकिन वर्ष 2015 से विश्वविद्यालय में स्नातक का सत्र पिछड़ने लगा. जो आज तक अपडेट नहीं हो सका है. ना समय पर परीक्षा होती है और ना ही समय पर दाखिले की प्रक्रिया पूरी होती है. ऐसे में विगत पांच-छह सालों से राजेंद्र कॉलेज समेत विभिन्न कॉलेजों में नामांकन को लेकर छात्रों की रुचि घट रही है.

अब स्पॉट एडमिशन से सीट भरने की होगी कोशिश

विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जो सीट रिक्त रह गयी है. उन्हें भरने के लिए स्पॉट एडमिशन का अवसर उपलब्ध कराया जायेगा. हालांकि पहली, दूसरी व तीसरी सूची में जिन छात्रों का नाम आया था. उनमें से भी 50 फीसदी से कम छात्रों ने ही दाखिला लिया. विषय चेंज कर भी नामांकन के लिए करीब 700 छात्रों ने ही आवेदन दिया था. ऐसे में स्पॉट एडमिशन के दौरान अधिकतर सीटों को भर पाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा. छात्र कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में उपलब्ध 37 हजार सीटों में से अभी भी करीब 18 हजार सीट विभिन्न कॉलेजों में रिक्त है.

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