सोनपुर. विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला सोमवार को भारी भीड़ से गुलजार रहा. दूर-दूर से पहुंचे लोग मेले की रौनक का आनंद लेते दिखे. सीतामढ़ी से आये प्रमोद सिंह ने बताया कि सोनपुर मेले का नाम सुनते ही मन में उत्साह भर जाता है. उनके अनुसार यह मेला ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक महत्व का संगम है. प्रमोद सिंह हर वर्ष अपने पूरे परिवार के साथ मेले में आते हैं और बताते हैं कि यहां आने का अनुभव हमेशा रोमांच से भरा होता है. मेले में कृषि जानकारी के प्रति उत्साह भी देखने को मिला. सारण के दरियापुर के किसान राम वचन सिंह कृषि विभाग के स्टॉल पर उन्नत खेती तकनीक की जानकारी लेते नजर आये. उन्होंने बताया कि सोनपुर मेला केवल मनोरंजन का स्थल नहीं है, बल्कि कृषि, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी उपयोगी जानकारी भी यहां मिल जाती है. वे हर साल मेले में इसलिए आते हैं ताकि नई तकनीकों और योजनाओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकें. महिलाओं की उपस्थिति भी मेले में विशेष रूप से दिख रही है. मीना बाजार और शृंगार के सामान की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ दिनभर बनी रहती है. मेले में 50 से अधिक शृंगार सामग्री की दुकानें लगायी गयी हैं, जहां सुबह नौ बजे से ही भीड़ जुटने लगती है. ग्रामीण इलाकों से पहुंचने वाली महिलाएं आगामी लगन को ध्यान में रखते हुए शृंगार और गिफ्ट के सामान खरीद रही हैं. सोनपुर मेले की चहल-पहल, भीड़ और विविधता एक बार फिर यह साबित करती है कि यह मेला सिर्फ मनोरंजन का केंद्र नहीं, बल्कि परंपरा, संस्कृति और जानकारी का अनोखा संगम है.
सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर अलर्ट है पुलिस
सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए पुलिस प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी, लेकिन हर चेहरे पर खुशी और उत्साह साफ झलक रहा था. यह जनसैलाब ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारतीय संस्कृति में हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेल का अपना एक अलग महत्व है.यह मेला केवल मनोरंजन के साधन नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक और धार्मिक एकजुटता के प्रतीक हैं. यहां आने वाले लोग मेला घूमने से पूर्व बाबा हरिहरनाथ मंदिर का दर्शन एवं बाबा हरिहरनाथ की पूजा अवश्य करते हैं इसके बाद श्रद्धालु लोक सेवा आश्रम स्थित सूर्य मंदिर एवं शनि देव मंदिर का भी दर्शन करते हैं. वहां संत मौनी बाबा से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और मेले का परिभ्रमण कर मेले का आनंद उठाते हैं. इस बार मेले में साफ सफाई की लचर व्यवस्था है.वहीं बिजली की व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं रहने के कारण मेला आने वाले लोगों को शाम एवं रात्रि में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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