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Saran News : नदियों के जल स्तर में वृद्धि से कटाव, ग्रामीणों का पलायन

देश के पर्वतीय क्षेत्रों और अन्य राज्यों में लगातार हो रही बारिश तथा डैम से छोड़े गये पानी के कारण सारण जिले की नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है.

छपरा. देश के पर्वतीय क्षेत्रों और अन्य राज्यों में लगातार हो रही बारिश तथा डैम से छोड़े गये पानी के कारण सारण जिले की नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. इसके असर से आधा दर्जन प्रखंडों के नदी तटीय इलाकों में कटाव शुरू हो गया है, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं. कई इलाके में लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन करने लगे हैं. पशुओं को लेकर ऊंचे स्थानों पर जाना आम बात हो गया है. छपरा शहर के दियारा क्षेत्र से आए लोग भी अपने पशुओं को रख रहे हैं, जहां कुछ को सरकारी सुविधा मिल रही है और कई जगह सहायता नहीं मिल पा रही है. गंगा और सरयू नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है, वहीं सोमवार को गंडक नदी में भी जल स्तर वृद्धि देखी गयी. इससे सारण के सीमाई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानी और बढ़ गयी है. प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव कार्य जारी है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है. ग्रामीणों की सुरक्षा और बचाव के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

कटाव से नदी में समाते जा रहे हैं खेत

सारण में आयी बाढ़ का भीषण रूप देखने को मिल रहा है. नदियों के जल स्तर के बढ़ने के साथ ही किसानों के खेत में कटाव तेजी से होने लगा है, सैकड़ों एकड़ खेत बाढ़ के पानी में समा चुके हैं. सबसे अधिक कटाव सोनपुर अनुमंडल क्षेत्र के नदी तटीय इलाके मसलन सबलपुर दियारा आदि पंचायत में हो रही है. इसके अलावा नयागांव, पहलेजा, छपरा सदर प्रखंड के डोरीगंज, कुतुबपुर दियारा समेत एक दर्जन गांव नदी के पानी में समा चुके हैं या फिर घिर चुके हैं. सदर प्रखंड के ही शहरी क्षेत्र के रोजा, तेलपा, दहियावां बिंद टोली, सिविल गंज प्रखंड के दीलिया रहीमपुर पंचायत, ईनई आदि गांव में बाढ़ का कहर देखा जा सकता है. सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर ने छपरा शहर के दक्षिण में स्थित रिविलगंज प्रखंड के कई गांवों के लोगों को पलायन करने पर मजबूर कर दिया है. रिविलगंज प्रखंड की ही दलिया रहीमपुर पंचायत के जानटोला गांव के सैकड़ों परिवार जानटोला पुल के आसपास शरण लिये हुए हैं. सबसे बड़ी बात है कि उनके पशुओं को चारा नहीं मिल रहा है. दियारा क्षेत्र के लोगों ने शहर में रह रहे अपने सगे संबंधियों के यहां अपना स्थान टीका लिया है, लेकिन उनके पशुधन के लिए जगह नहीं मिलने के कारण उन्हें डीएम आवास रोड समेत अन्य जगहों पर काफी संख्या में पशुओं को देखा जा सकता है. डीएम आवास रोड में तो एक दर्जन से अधिक घोड़े टहलते हुए देखे जा रहे हैं. इसी तरह गायों को भी किसानों ने शहर में ही छोड़ दिया है.

सोमवार को क्या रही स्थिति

जल संसाधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, गंगा नदी गांधी घाट के पास की जल स्तर में अधिक वृद्धि हो रही है. यहां 48.60 मीटर के जल स्तर को खतरे के निशान माना गया है और फिलहाल आठ सितंबर की सुबह 6:00 बजे तक 49.17 मीटर जल स्तर है. यानी खतरे के निशान से ऊपर पानी बह रहा है. यह काम होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में अधिकारियों का टेंशन बढ़ना लाजिमी है. घाघरा छपरा के जल स्तर का खतरे का निशान 53.68 मीटर है. अभी 51.97 तक पहुंच गया है. इसमें भी लगातार वृद्धि हो रही है. वहीं सिसवन घाघरा नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. यहां 57.04 खतरे का निशान है और 57.15 तक जल स्तर पहुंच गया है. हालांकि रविवार के मुकाबले सोमवार को एक सेंटीमीटर की कमी आयी है. बात करें गंडक हाजीपुर की, तो इसका खतरे का निशान 50 .32 है वर्तमान स्थिति 49.15 मीटर है. इसी तरह गंडक रीवा का खतरे का निशान 54.41 है वर्तमान स्थिति 52.97 मीटर है.

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