मांझी. मांझी नगर पंचायत के वार्ड 10 में लगभग दो साल पहले लाखों रुपये की लागत से सुघर छपरा में अरुण त्रिवेदी के घर से स्वामीनाथ साह के घर तक बनायी गयी पीसीसी सड़क व नाली सहित ढक्कन जगह-जगह से टूटने व धंसने लगे हैं. इस वजह से क्षेत्रवासियों को आने-जाने में भारी परेशानी और जलालत का सामना करना पड़ रहा है. लोगों में इस मामले को लेकर भारी आक्रोश व्याप्त है. प्रभात खबर की टीम ने जब धरातल पर जाकर सड़क और नाली की स्थिति देखी तो नगर पंचायत और संवेदक के बीच मिलीभगत से भ्रष्टाचार की पोल खुलती नजर आयी. वार्ड के अनिल वर्मा, सुनील श्रीवास्तव, मनोज सिंह सहित कई लोगों ने बताया कि नगर पंचायत और संवेदक की मिलीभगत से घटिया सामग्री का उपयोग कर सड़क व नाली का निर्माण कराया गया है. सड़क व नाली टूटने के बाद भी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को कई बार शिकायत के बावजूद मरम्मत नहीं करायी गयी. क्षतिग्रस्त सड़क पर बने गड्ढों के कारण खासकर स्कूली बच्चों, महिलाओं और स्थानीय लोगों को आने-जाने में कठिनाई हो रही है. लोगों का आरोप है कि निर्माण में प्राक्कलन की अनदेखी हुई और घटिया सामग्री का उपयोग किया गया. गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण सड़क व नाली जल्दी खराब हो गयी. ग्रामीणों ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार शहरी विकास के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं, लेकिन नगर पंचायत क्षेत्र में अनियमितताओं के कारण सरकारी राशि का दुरुपयोग हो रहा है. जिम्मेदार लोग मनमानी कर रहे हैं, जिसकी कीमत आम जनता को चुकानी पड़ रही है. इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई न होने से लोग काफी नाराज हैं और जल्द समस्या का समाधान किए जाने की मांग कर रहे हैं.
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