छपरा. छपरा नगर निगम क्षेत्र में इन दिनों पानी की बर्बादी एक गंभीर समस्या बन गयी है. इसका प्रमुख कारण प्रशासन की लापरवाही और अवैध जल कनेक्शनों की भरमार है. यह समस्या अब तक एक गंभीर रूप धारण कर चुकी है और इसके कारण जल संसाधनों की भारी बर्बादी हो रही है. जानकारों का मानना है कि यदि स्थिति में सुधार न किया गया, तो आनेवाले समय में शहर में पानी की किल्लत हो सकती है.
अवैध कनेक्शन और खुले नल से पानी की बर्बादी
शहर में अवैध जल कनेक्शनों की भी भरमार है, जो पानी की बर्बादी का एक प्रमुख कारण है. शहर के वार्ड नंबर एक से लेकर 45 तक के अधिकांश क्षेत्रों में बिना टोटी के नल और अवैध कनेक्शन मौजूद हैं, जिनकी संख्या बड़ी है. जब नया पाइपलाइन बिछाया जा रहा था, तो निगम ने कई खुले कनेक्शन काटे थे, लेकिन फिर भी कई इलाकों में ये कनेक्शन जारी हैं. इन अवैध कनेक्शनों के कारण पानी का लगातार बहाव होता रहता है. इसके अलावा, कुछ ऐसे क्षेत्रों में भी यह समस्या है जहां टंकी और पाइपलाइन में लीकेज के कारण पानी बर्बाद हो रहा है. हर रोज करीब 30 प्रतिशत पानी इन कारणों से बर्बाद हो रहा है.लापरवाह मोटर पंप संचालक और पानी की अनियंत्रित आपूर्ति
जो कर्मचारी मोटर पंप के संचालन के लिए नियुक्त किये गये हैं, वे भी अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाही बरतते हैं. कई बार ये कर्मी पंप चालू करने के बाद उसे बंद करना भूल जाते हैं, जिससे जल आपूर्ति अनियंत्रित रहती है. इस कारण से पानी अनावश्यक रूप से बहता रहता है और जल संसाधनों की बर्बादी होती है. नगर निगम के अधिकारियों को इन कर्मियों की कार्यप्रणाली पर सख्त निगरानी रखनी चाहिए, ताकि इस समस्या का समाधान हो सके.पानी का व्यवसाय करने वाले भी जिम्मेदार
नगर निगम क्षेत्र में दर्जनों प्राइवेट पानी टैंकर व्यवसायी भी सक्रिय हैं जो पानी की आपूर्ति करते हैं, लेकिन उनके द्वारा ली जाने वाली कीमत ज्यादा होती है और उनके पास पानी पंप करने का परमिट भी नहीं होता. इनके द्वारा पानी की अत्यधिक बर्बादी की जा रही है और पानी के स्रोतों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे व्यवसायियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि जल स्रोतों की सुरक्षा हो सके.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
पानी की बर्बादी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये जायेंगे. ऐसे लापरवाह कर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी जो मोटर संचालन पर निगरानी नहीं रखते हैं.सुनील कुमार पांडे, नगर आयुक्त
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