दिघवारा : आज का मानव भौतिकतावादी सुविधाओं के चक्कर में फंसा है. शायद यहीं वजह है कि मानव धन अर्जन के फेर में फंस कर ईश्वर व भक्ति से दूर होता जा रहा है, जो उनलोगों के लिए मुसीबत का कारण बन रहा है. उक्त बातें नगर के राईपट्टी हेमतपुर फुलवारी में चल रहे सात दिवसीय गायत्री महायज्ञ के दूसरे दिन पावन प्रज्ञा पुराण कथा सुनाते हुए हरिद्वार से पधारे प्रवचनकर्ता जीवन प्रकाश जी ने कही. उन्होंने कहा कि मानव जब मोह के चक्कर में फंसता है,
तब वह कर्तव्य विमूढ़ हो जाता है, इसलिए हर मानव को मोह से निवृति पाने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए. ईश्वर भक्ति की चर्चा करते हुए स्वामीजी ने कहा आज लोगों की सोच में तेजी से बदलाव आ रहा है और लोग ईश्वर भक्ति में समय नहीं दे पाते हैं एवं तेजी से ईश्वर के प्रति से विमुख हो रहे हैं, जो तकलीफ की वजह बन रहा है. उन्होंने कहा कि अब तो लोग संकट के समय ही ईश्वर को स्मरण करते हैं और काम पूरा होते ही ईश्वर को भूल जाते हैं, जो गलत है. इतना ही नहीं, आज के बच्चे व युवाओं में नैतिकता का तेजी से ह्रास हो रहा है और अभिभावक भी इसके लिए कम जिम्मेवार नहीं है. समय में तेजी से बदलाव आया है,
शायद यही वजह है कि युवावर्ग सुबह उठने के वक्त ईश्वर को स्मरण करने की जगह सोशल साइटों को अपडेट करते दिखते हैं. मोह के अस्तित्व की चर्चा करते हुए स्वामी जी ने कहा लोग मोह के चक्कर में फंस कर नश्वर शरीर को अपना मान बैठते हैं, जो दुःख का कारण बनता है. उन्होंने सभी लोगों से मोह को त्यागने व भक्ति में मन रमाने का आग्रह किया. देर रात तक चले प्रवचन में शिक्षक अरुण कुमार, प्रो कन्हैया सिंह, प्रो राजीव रंजन शरण, प्रो आलोक सिंह, मनोज उज्जैन, शंभु राय सरीखे सैकड़ों लोग ज्ञान गंगा में डुबकी लगाते देखे गये.