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हरी सब्जियों के दामों में आयी भारी गिरावट

नो टबंदी के लागू हुए लगभग 25 दिन हो गये हैं. सब्जी के थोक और खुदरा व्यवसायियों को उम्मीद थी की कीमतों में इजाफा होगा और कुछ अधिक मुनाफे पर अपने स्टॉक को बेच कर लगन का पूरा फायदा उठाया जायेगा, पर नोटबंदी ने ना सिर्फ व्यवसायियों के उम्मीद को झटका दिया बल्कि आमलोगों को […]

नो टबंदी के लागू हुए लगभग 25 दिन हो गये हैं. सब्जी के थोक और खुदरा व्यवसायियों को उम्मीद थी की कीमतों में इजाफा होगा और कुछ अधिक मुनाफे पर अपने स्टॉक को बेच कर लगन का पूरा फायदा उठाया जायेगा, पर नोटबंदी ने ना सिर्फ व्यवसायियों के उम्मीद को झटका दिया बल्कि आमलोगों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. हालांकि इस दौरान सामान्य दिनों में लगन के समय सब्जी के बढ़ने वाले कीमत पर ब्रेक जरूर लग गया जिस वजह से लोगों को थोड़ी राहत मिली है.

लगन के सीजन में सब्जी के कीमत में असामान्य वृद्धि होती है पर इस बार नोटबंदी के कारण थोक और खुदरा बाजारों में सब्जी की कीमतें स्थिर रही जिस वजह से आम ग्राहकों को थोड़ी बहुत राहत मिली है. लगन के समय आमतौर पर आलू और प्याज की कीमत बढ़ती है पर नोटबंदी के बाद व्यवसाय पर एकदम से ब्रेक लग जाने के कारण व्यवसायियों का स्टॉक लोड बढ़ गया है जिस कारण भाव में स्थिरता देखने को मिल रही है.

थोक और खुदरा व्यापारियों को हुई परेशानी : छपरा के बाजार समिति और सरकारी बाजार आढ़त के थोक व्यापारियों का कहना है कि नोटबंदी के बाद उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. अधिकतर व्यापारियों के पास बड़ी मात्रा में सब्जियों का स्टॉक था. जैसे ही नोटबंदी की घोषणा हुई अधिकतर व्यापारियों का माल बाजार में ही फंस गया लिहाज स्टॉक रोटेशन बंद हो गया और व्यापारियों को कम मुनाफे पर ही व्यवसाय करना पड़ा. वही खुदरा दुकानदारों की भी मुश्किलें कम नहीं हुई. रोजाना की बिक्री में गिरावट आई और खुदरा पैसे को लेकर हुए किल्लत ने इनके दुकानदारी पर भी असर डाला है.
धीरे-धीरे सामान्य हो रही स्थिति : हालांकि नोटबंदी के लगभग 25 दिन पूरे होने के बाद अब बाजारों में स्थित सामान्य होने लगी है. भगवान बाजार थाना रोड के खुदरा सब्जी व्यवसायी सिकंदर ने बताया कि पहले खुदरा को लेकर दुकानदारी न के बराबर हो रही थी पर अब स्थिति बदल रही है और खरीदारी में भी तेजी आई है. सब्जी के भाव सामान्य हैं जिस कारण आम लोगों के पॉकेट पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ रहा है.
छपरा : नो टबंदी के लागू हुए लगभग 25 दिन हो गये हैं. सब्जी के थोक और खुदरा व्यवसायियों को उम्मीद थी की कीमतों में इजाफा होगा
और कुछ अधिक मुनाफे पर अपने स्टॉक को बेच कर लगन का पूरा फायदा उठाया जायेगा, पर नोटबंदी ने ना सिर्फ व्यवसायियों के उम्मीद को झटका दिया बल्कि आमलोगों को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा. हालांकि इस दौरान सामान्य दिनों में लगन के समय सब्जी के बढ़ने वाले कीमत पर ब्रेक जरूर लग गया जिस वजह से लोगों को थोड़ी राहत मिली है.
लगन के सीजन में सब्जी के कीमत में असामान्य वृद्धि होती है पर इस बार नोटबंदी के कारण थोक और खुदरा बाजारों में सब्जी की कीमतें स्थिर रही जिस वजह से आम ग्राहकों को थोड़ी बहुत राहत मिली है. लगन के समय आमतौर पर आलू और प्याज की कीमत बढ़ती है पर नोटबंदी के बाद व्यवसाय पर एकदम से ब्रेक लग जाने के कारण व्यवसायियों का स्टॉक लोड बढ़ गया है जिस कारण भाव में स्थिरता देखने को मिल रही है.
थोक और खुदरा व्यापारियों को हुई परेशानी : छपरा के बाजार समिति और सरकारी बाजार आढ़त के थोक व्यापारियों का कहना है कि नोटबंदी के बाद उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है. अधिकतर व्यापारियों के पास बड़ी मात्रा में सब्जियों का स्टॉक था. जैसे ही नोटबंदी की घोषणा हुई अधिकतर व्यापारियों का माल बाजार में ही फंस गया लिहाज स्टॉक रोटेशन बंद हो गया और व्यापारियों को कम मुनाफे पर ही व्यवसाय करना पड़ा. वही खुदरा दुकानदारों की भी मुश्किलें कम नहीं हुई. रोजाना की बिक्री में गिरावट आई और खुदरा पैसे को लेकर हुए किल्लत ने इनके दुकानदारी पर भी असर डाला है.
धीरे-धीरे सामान्य हो रही स्थिति : हालांकि नोटबंदी के लगभग 25 दिन पूरे होने के बाद अब बाजारों में स्थित सामान्य होने लगी है. भगवान बाजार थाना रोड के खुदरा सब्जी व्यवसायी सिकंदर ने बताया कि पहले खुदरा को लेकर दुकानदारी न के बराबर हो रही थी पर अब स्थिति बदल रही है और खरीदारी में भी तेजी आई है. सब्जी के भाव सामान्य हैं जिस कारण आम लोगों के पॉकेट पर भी ज्यादा असर नहीं पड़ रहा है.
खुल्ले की किल्लत से खुदरा विक्रेता परेशान
थोक और खुदरा बाजारों में सब्जी के कीमतों में औसतन दिखी कमी
आम ग्राहकों को मिली राहत
नोटबंदी के बाद आम लोगों को भले ही बैंकों के सामने लंबी-लंबी कतारों में घंटो खड़े रहना पड़ा हो पर सब्जी की घटी कीमतों से थोड़ी राहत जरूर मिली है. शहर के दहियांवा मुहल्ले की रहने वाली गृहणी मंजू देवी ने बताया कि नोटबंदी के पहले सब्जी के कीमत सातवें आसमान पर थे लेकिन नोटबंदी के बाद कीमतों में काफी गिरावट आई है जिससे घरेलू बजट पर दबाव कम हुआ है.
व्यापार में घाटा
नोटबंदी के कारण सब्जी व्यापार पर प्रारंभ में अंतर पड़ा परंतु अब स्थिति सामान्य हो गयी है. खुदरा पैसों की कमी के कारण व्यापार करने में थोड़ी कठिनाई हो रही है. व्यापारी व ग्राहक राहत महसूस कर रहे है.
सिकंदर, सब्जी विक्रेता
रसोई में राहत
नोटबंदी से भले ही पैसों के लेकर थोड़ी समस्या हुई है पर सब्जियों के दाम घटने से बहुत राहत हुई है. घर के बजट पर भी दबाव कम हुआ है.
मंजू देवी, गृहणी
नोटबंदी के बाद साब्जियों के कीमत में गिरावट
सब्जी थोक खुदरा
आलू 10 14
प्याज 12 16
बैगन 8 12
टमाटर 16 20
मटर 45 50
(नोट : सब्जियों की कीमत
रुपये/किलो के हिसाब से)

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