डोरीगंज (छपरा) : दुधारू पशुओं के जेनेटिक विकास में बायफ बिहार कार्यक्रम के द्वारा इजाद सोर्टेड सीमेन की यह वैज्ञानिक तकनीक एक अनूठी व कारगर कदम है उक्त बातें पशुपालन व मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार की प्रधान सचिव डॉ एन विजया लक्ष्मी ने शनिवार को बायफ बिहार प्रोग्राम स्वर्ण जयंती के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे छपरा-पटना मुख्यमार्ग स्थित बायफ पशु विकास केंद्र घेघटा के प्रांगण में आयोजित सोर्टड सीमेन परियोजना कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह के दौरान पशुपालक किसानों को संबोधित करते हुए कही.
इससे पूर्व उन्होंने सभा स्थल आस पास के कई गांवों से मवेशियों के साथ पहुंचे विभिन्न नस्लों की गायों व बाछियों का निरीक्षण भी किया. इस अवसर पर संस्था के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी धनंजय कुमार ने बताया कि इस सीमेन के प्रयोग से नब्बे प्रतिशत बाछियां ही पैदा होती है. दस प्रतिशत ही बछड़ों का चांस होता है. जिससे पशुपालकों को बेहतर नस्ल के गुणवत्ता वाले मवेशियों के साथ साथ दुग्ध उत्पादकता का भी अच्छा लाभ मिलता है. उनके मुताबिक इस सीमेन का प्रयोग स्वस्थ मवेशियों में ही किया जा सकता है. जिसकी प्रति गर्भाधान कीमत 1050 रुपये निर्धारित है.
जिससे किसान एक डेयरी जैसे उद्योग भी सहज रूप से खड़ा कर सकते है. इस दौरान शेरपुर, घेघटा, विष्णुपुरा, खलपुरा, जलालपुर आदि दर्जनों गांवों के पशुपालक सैकड़ों किसान मौजूद रहे. मौके पर पटना से पहुंचे कई अन्य वरीय पदाधिकारियों के साथ जिला एवं बायफ के विभिन्न शाखाओं से पहुंचे केन्द्र कर्मी व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.