35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चल रही थी दरवाजा लगाने की तैयारी, दो बच्चों संग पहुंच गयी पहली पत्नी

मौके पर पहुंची पुलिस, नहीं तो होता मारपीट यूजीसी विनियम 2009 से मिले छुटकारा : डॉ धीरज छपरा : विवि अनुदान आयोग ने पीएचडी व एम फिल उपाधि के लिए न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया के लिए विनियम 2009 का प्रकाशन 11 जुलाई, 2009 को किया, परंतु जेपी विश्वविद्यालय समेत बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों ने इसे […]

मौके पर पहुंची पुलिस, नहीं तो होता मारपीट

यूजीसी विनियम 2009 से मिले छुटकारा : डॉ धीरज
छपरा : विवि अनुदान आयोग ने पीएचडी व एम फिल उपाधि के लिए न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया के लिए विनियम 2009 का प्रकाशन 11 जुलाई, 2009 को किया, परंतु जेपी विश्वविद्यालय समेत बिहार के अन्य विश्वविद्यालयों ने इसे अपने यहां 2012 के बाद लागू किया. इस देरी के कारण दो वर्ष से अधिक अवधि के अंदर पीएचडी व एमफिल के लिए पंजीकृत होने या उपाधि प्राप्त करनेवाले अभ्यर्थी की स्थिति न घर के घर घाट के वाली हो गयी है.
उक्त मामला भाजपा के लोक सूचना अधिकार मंच के जिलाध्यक्ष डॉ धीरज कुमार सिंह ने उठाते हुए प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री, सचिव यूजीसी समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को आवेदन प्रेषित किया है. उन्होंने कहा है कि विनियम लागू करने में देरी की सारी जिम्मेवारी विश्वविद्यालयों की है, मगर भुगतना अभ्यर्थियों को पड़ रहा है. उन्होंने विनियम लागू करने की यूजीसी की तिथि की बाध्यता हटा कर विवि द्वारा उसे लागू करने की तिथि को मानने व प्रभावी होने की मांग करते हुए इस अवधि के अभ्यर्थियों को भी व्याख्याता, सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति में उनको सारा हक, अधिकार, लाभ, छूट व राहत देने की मांग की है, जो 11 जुलाई, 2009 के पहले के अभ्यर्थियों को दी जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें