परसा : प्रखंड के सगुनी गांव के मृत शिक्षक मुकेश शर्मा को डॉक्टर द्वारा मृत घोषित करने के 24 घंटे बाद एक महिला के अंधविश्वास में आकर परिजन अंतिम संस्कार नहीं कर जीवित करने के लिए एक ब्रह्म स्थान पर शव को रख झाड़-फूंक करा रहे हैं. अंधविश्वास की हद तो तब हो गयी जब थाना क्षेत्र की श्रीरामपुर गांव निवासी एक तांत्रिक महिला ने मृतक शिक्षक को जिंदा करने के लिए 3 घंटे में जिम्मेवारी ले डाली.
महिला के कहने पर शिक्षक के परिजन विश्वास कर बैठे और रायपुर से शव को सोमवार को घर नहीं लाकर श्रीरामपुर विद्यालय के पास स्तिथ ब्रह्म स्थान लाया गया और मृतक शिक्षक को जिंदा करने के लिए तांत्रिक द्वारा झाड़ फूंक शुरू कर दिया गया. ऐसे अनहोनी काम को लेकर क्षेत्रो में विभिन्न प्रकार की चर्चा हो रही है.
झाड़-फूंक देखने के लिए दिन भर लगी रही भीड़ : मृतक शिक्षक को जिंदा करने के अनहोनी काम को लेकर प्रखंड के सगुनी, श्रीरामपुर, जमलकी, बिशुनपुरा उत्तिमपुर, बाजीतपुर, तितिरा, पुरे छपरा समेत प्रखंडों और आसपास के प्रखंडों के लोगों का पूरे दिन तांता लगा रहा. निजी वाहन, रिजर्व वाहन, बाइक और पैदल महिला-पुरुष का आवागमन लगा रहा. शिक्षक को जिंदा करने के लिए महिला तांत्रिक ने 24 घंटे का समय लिया है. हर हालत में शिक्षक को जिंदा कर देने की गारंटी ले डाली है. तांत्रिक द्वारा जिंदा करने के लिए विभिन्न प्रकार का नुक्सा किया जा रहा है. वहीं आने-जाने वाले लोग इस आधुनिक युग में अंधविश्वास का विस्तार रूप माना जा रहा है. रायपुर से सोमवार को 2 बजे शव पहुंचाने के बाद से ब्रह्म स्थान पर शव को रख परिजनों और तांत्रिक द्वारा जिंदा करने के लिए प्रयास जारी है. शव को रात भर में जिंदा करने के लिए महिला तांत्रिक ने ग्रामीणों और परिजनों को समय निर्धारित किया है. मालूम हो कि श्रीरामपुर प्राथमिक विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यपक सगुनी गांव निवासी भोला शर्मा के पुत्र मुकेश शर्मा की मौत रविवार को रायपुर में उपचार के दौरान हो गयी थी. जहां से शिक्षक के शव को सोमवार को पैतृक गांव लाया जा रहा था. इसी क्रम में महिला तांत्रिक ने मृतक शिक्षक को दाह संस्कार करने से मना कर दिया और शिक्षक को 24 घंटे में जिंदा करने की गारंटी ले ली. फिर परिजन को क्या था मरता क्या नहीं करता के आधार पर महिला तांत्रिक की बातों में आकर ब्रह्म स्थान पर शव रख अभी से ही झाड़-फूंक में जुट गयी है. देखना यह है कि मंगलवार को शिक्षक को महिला जिंदा कर पाती है क्या. खुले आसमान के नीचे सभी परिजन और तांत्रिक समाचार प्रेषण तक जमे हुए थे.