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रणनीति के तहत रामनाथ की हुई हत्या बम ब्लास्ट कनेक्शन. अपराधी धर्मेंद्र नहीं, उसके पिता ही थे टारगेट पर बेटे की हत्या के गवाह थे रामनाथ राय छपरा (कोर्ट) : न्यायालय में लंबित अापराधिक मामलों में गवाह को समाप्त करने की चली आ रही परिपाटी में एक नाम रामनाथ राय का भी जुड़ गया. गौरतलब […]
रणनीति के तहत रामनाथ की हुई हत्या
बम ब्लास्ट कनेक्शन. अपराधी धर्मेंद्र नहीं, उसके पिता ही थे टारगेट पर
बेटे की हत्या के गवाह थे रामनाथ राय
छपरा (कोर्ट) : न्यायालय में लंबित अापराधिक मामलों में गवाह को समाप्त करने की चली आ रही परिपाटी में एक नाम रामनाथ राय का भी जुड़ गया. गौरतलब है कि बुधवार को अज्ञात अपराधियों ने घर पर गोलीबारी कर रामनाथ राय समेत तीन लोगों को घायल कर दिया था़
रामनाथ राय की मौत इलाज के दौरान गुरुवार को पीएमसीएच में हो गयी. गड़खा थाना क्षेत्र के मीनापुर निवासी व कुख्यात धर्मेंद्र राय का पिता रामनाथ राय का कुसूर इतना था कि वे एक कुख्यात के पिता थे. उसके पुत्र की अपने सहयोगियों के साथ लेन देन को लेकर अदावत थी और उसी में उनके दूसरे पुत्र उपेंद्र अपने भाई के उन्हीं दोस्तों के हाथों चढ़ गया, जिन्हें वह कभी अपने घर में बैठा आवभगत किया करता था. रामनाथ उस हत्याकांड में सूचक ही नहीं, बल्कि कांड के महत्वपूर्ण प्रत्यक्षदर्शी गवाह भी थे. इनकी गवाही से अपराधियों को लंबी सजा हो सकती थी.
साजिश के तहत गवाह को रास्ते से हटाया : रामनाथ राय पर बुधवार को सोची समझी रणनीति के तहत हमला किया गया. अपराधी यह समझ रहे थे कि कोर्ट में हुए बम विस्फोट में धर्मेंद्र का नाम मास्टर माइंड के रूप में सर्वविदित हो चुका है और इस स्थिति में वह घर पर नहीं बल्कि भूमिगत हो चुका होगा. इसी का फायदा उठा क्यों न उपेंद्र मामले के प्रत्यक्षी गवाह को ही समाप्त कर दिया जाये और अपराधी अपनी योजना में सफल रहे.
दोनों घटनाओं में समानता : 2014 में जब अपराधियों ने उपेंद्र एवं रामनाथ राय को गोली मारी थी उस वक्त भी अपराधी दो बाइक से आये थे और उसकी संख्या भी इस बार की तरह चार ही थी.
कांड के सूचक के रूप में रामनाथ ने कहा था कि अरुण साह जो उसके पुत्र धर्मेंद्र का साथी था उन्हें गेट पर बुलाया और धर्मेंद्र के बारे में पूछा तभी उपेंद्र वहां पहुंचा और दोनों में बाता बाती हुई जिस पर अरूण एवं उसके साथी ने उपेंद्र तथा उसपर हमला कर दिया. इस बार भी अपराधी उन्हें गेट पर ले गये थे. उस वक्त भी उनके पेट और जांध में लगी थी गोली. इस बार भी उन्हीं अंगों के साथ सीने में भी गोली मारी गयी.
बनाये गये थे चार अभियुक्त : उपेंद्र हत्या मामले में चार को अभियुक्त बनाया गया था. इसमें सलेमपुर निवासी अरुण साह, रिविलगंज के बैजू टोला निवासी नन्हकी सिंह, महाराजगंज का मुरगी मियां और दरियापुर पोरई निवासी चेक सिंह उर्फ कैलाश जिसकी गैंगवार में हत्या हो चुकी है. इस बार चार अज्ञात पर भी प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
गैंगवार से जुड़े हैं तार
रेलवे क्रासिंग से पूरब तथा हवाई अड्डे से उत्तर शुक्रवार को हुई हत्या की घटना का तार गैंगवार से जुड़े होने की आशंका है. दरअसल, अज्ञात अपराधियों द्वारा मारे गये युवक की पहचान नहीं हुई है, लेकिन उसके पास से मिले चाकू ने उसके अपराधी होने की आशंका को जन्म दे दिया है. अगर मारा गया युवक अपराधी है तो उसका संबंध किस गिरोह से है.
क्या कहती है रेल पुलिस
अज्ञात युवक की हत्या अज्ञात अपराधियों द्वारा धारदार हथियार से गला रेत कर की गयी है. इसकी प्राथमिकी दर्ज की गयी है और जांच की जा रही है. मारे गये युवक के पास से एक चाकू मिला है, जिससे उसके अपराधी होने की आशंका व्यक्त की जा रही है.
सुनिल कुमार द्विवेदी, थानाध्यक्ष, राजकीय रेल थाना, छपरा जंकशन
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