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सात साल बाद भी नहीं मिली राशि
नौ पंचायतों को मिला था निर्मल ग्राम पुरस्कार छपरा (सदर) : जिले की नौ पंचायतों के मुखियाओं ने निर्मल ग्राम योजना के तहत अपनी-अपनी पंचायत को स्वच्छ बनाया था. इसके लिए उन्हें 20 अक्तूबर, 2008 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटील ने गुवाहाटी में सम्मानित किया था. इस दौरान पूरे देश के 156 मुखिया सम्मानित […]
नौ पंचायतों को मिला था निर्मल ग्राम पुरस्कार
छपरा (सदर) : जिले की नौ पंचायतों के मुखियाओं ने निर्मल ग्राम योजना के तहत अपनी-अपनी पंचायत को स्वच्छ बनाया था. इसके लिए उन्हें 20 अक्तूबर, 2008 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटील ने गुवाहाटी में सम्मानित किया था. इस दौरान पूरे देश के 156 मुखिया सम्मानित हुए थे.
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन मुखियाओं को 30 जनवरी, 2010 को अपने आवास पर बुला कर 10-10 हजार नकद पुरस्कार दिया था.
वहीं, इन्हें पांच-पांच लाख रुपये देने की विभाग ने घोषणा की थी. लेकिन आज तक एक कौड़ी नहीं मिली. इनमें सदर प्रखंड की खलपुरा पंचायत, मांझी प्रखंड की मांझी पश्चिमी पंचायत व घोरहट पंचायत, जलालपुर प्रखंड की माधोपुर पंचायत, दिघवारा प्रखंड की झौवा पंचायत, तरैया प्रखंड की तरैया पंचायत व पचड़ौर पंचायत, बनियापुर के रामधनाव व इसुआपुर प्रखंड की केरवा पंचायत के मुखिया शामिल हैं.
सरकार ने इन पंचायतों को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ विकास के मद में सात वर्षों के बाद भी राशि नहीं दी. राशि का इंतजार करते-करते इनमें कुछ इस दुनिया से भी चले गये, जबकि कई पूर्व मुखिया की श्रेणी में आ गये हैं. हालांकि, इसके लिए पीएचइडी के कार्यपालक अभियंताओं से बार-बार पत्राचार किया जाता रहा है.
इन पंचायतों में सैकड़ों की संख्या में लोग खुले में शौच करने जाते हैं. ऐसी स्थिति में सरकार को लोगों की मनोवृत्ति बदलने की दिशा में पंचायत प्रतिनिधियों और गांवों के बुद्धिजीवियों को जोड़ने की जरूरत है.
तत्कालीन सम्मानित मुखियाओं के अलावा आज भी उन मुखियाओं में सदर प्रखंड की खलपुरा पंचायत के मुखिया अजय कुमार सिंह और मांझी पश्चिमी पंचायत के मुखिया सुरेंद्र प्रसाद गुप्ता आज भी अपने को ठगा महसूस करते हैं.
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