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जिले में अगलगी की बढ़तीं घटनाओं से जिला प्रशासन ने बढ़ायी सतर्कता

छपरा (सदर) : गर्मी का मौसम शुरू होने तथा तेज हवा के कारण अगलगी की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. अगलगी नियंत्रण करने तथा अग्निपीड़ितों को यथाशीघ्र सहायता एवं अनुदान राशि उपलब्ध कराने को ले जिला प्रशासन ने आवश्यक तैयारियों में लगने का निर्देश सभी अनुमंडल, अंचल के पदाधिकारियों तथा बीडीओ को दिया […]

छपरा (सदर) : गर्मी का मौसम शुरू होने तथा तेज हवा के कारण अगलगी की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. अगलगी नियंत्रण करने तथा अग्निपीड़ितों को यथाशीघ्र सहायता एवं अनुदान राशि उपलब्ध कराने को ले जिला प्रशासन ने आवश्यक तैयारियों में लगने का निर्देश सभी अनुमंडल, अंचल के पदाधिकारियों तथा बीडीओ को दिया है. साथ ही ग्रामीणों को अग्नि जैसी आपदा के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ सुरक्षा के उपायों के व्यापक प्रबंध का भी निर्देश दिया है.

डीएम सुब्रत कुमार सेन ने अपने जारी निर्देश में प्रखंडवार अग्नि संवेदनशील पंचायतों एवं गांवों को चिह्नित कर अग्निशमन सेवा के सहयोग से जागरूकता एवं क्षमता वर्द्धन कार्यक्रम चलाने में सभी सरकारी, गैरसरकारी समूहों के कर्मियों यथा आंगनबाड़ी सेविका, टोला सेवक, पंचायत सदस्यों, जीविका, विकास मित्र एवं स्वयं सहायता समूह के कार्यकर्ताओं के भी सहयोग लेने की जरूरत जताते हुए आपदा जोखिम प्रबंधन कार्यक्रम के तहत प्रखंड, ग्राम पंचायत एवं ग्रामीण स्तर पर आपदा प्रबंधन समिति को क्रियाशील करने की जरूरत जतायी है.
वहीं आगामी 14 से 20 अप्रैल तक मनाये जाने वाले अग्निसुरक्षा सप्ताह के मद्देनजर डीएम ने सभी अनुमंडल तथा प्रखंड स्तर के विभिन्न पदाधिकारियों को आवश्यकता अनुसार राहत शिविरों के संचालन के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने की भी जरूरत जतायी है.
जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को जो विभिन्न प्रखंडों से जो सूचनाएं मिली हैं, उनमें जनवरी से लेकर मार्च तक पांच दर्जन हुई अगलगी की घटनाओं में आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 8 से 10 दर्जन परिवार अपना आशियाना खोने को विवश हुए हैं.
जानकारी के अनुसार गत 28 फरवरी को मांझी के लेजुआर गांव में हुई घटना में मो. वहीब की पत्नी सबद्रा बीबी, बेटी सुहानी खातून, सब्या खातून की मौत हो गयी. वहीं 14 मार्च को बनियापुर थाना क्षेत्र के धनगड़हा में हुई अगलगी में रामनाथ राम के घर के तीन लोगों की मौत हो गयी.
इसके अलावा 19 मार्च को अमनौर के धर्मपूर जाफर गांव में अगलगी में 27 परिवार, 22 मार्च को इसुआपुर थाना क्षेत्र के बेला बिनटोली गांव में 20 परिवार तो 23 मार्च को गड़खा थाना क्षेत्र के मरवतपुर गांव में अगलगी की घटनाओं में 38 परिवार तबाह हुए.
प्रशासन के द्वारा जहां भी अग्निपीड़ित परिवार प्रभावित हुए है वहां नियमानुसार तत्काल राहत दी गयी. वहीं बनियापुर के धनगड़हां गांव के तीन मृतकों के परिजनों को प्रति मृतक चार लाख रुपये अनुग्रह राशि भुगतान कर देने की बात आपदा प्रबंधन के प्रभारी पदाधिकारी सह एडीएम विभागीय जांच भरत भूषण ने बतायी.
वहीं मांझी प्रखंड के मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि भुगतान के लिए सीओ के द्वारा राशि निकासी कर ली गयी है. वहीं अग्निपीड़ित प्रत्येक परिवार को नियमानुसार खाद्यान्न, वस्त्र तथा नगद अनुदान मद में कुल 9800 रुपये भुगतान किये गये हैं.
अगलगी के दौरान या उसके पूर्व बरती जानेवालीं सावधानियां
हवा के झोंके पहले ही खाना पकाकर चूल्हे की आग को पानी से बुझा दें
चूल्हे की आग की चिनगारी पूरी तरह बुझी है या नहीं सुनिश्चित कर लें
खाना ऐसी जगह बनाएं जहां हवा का झोंका न लगे
बीड़ी सिगरेट पीकर इधर-उधर खलिहान की तरफ न फेंकें
घर के बाहर जाते समय बिजली का स्विच ऑफ है या नहीं सुनिश्चित कर लें
मुहल्ले में पानी या बालू संग्रहण की व्यवस्था रखें जिससे आग पर शीघ्र काबू पाया जाये
प्रत्येक गांव में फायर विटर्स, फायर टैंक, बाल्टी, रस्सी, कुल्हाड़ी आदि अग्निशमन उपकरण की व्यवस्था रखें
जिला आपातकालीन संचालन केंद्र में सूचना उपलब्ध कराने की सुविधा
डीएम ने लोगों को अगलगी की स्थिति में जिला आपातकालीन संचालन केंद्र शुरू करने का निर्देश दिया है
आपदा प्रबंधन के द्वारा संचालित इस जिला आपातकालीन संचालन केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी अगलगी की घटनाओं की सूचना प्राप्त कर प्रतिदिन प्रतिवेदन जिला पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे

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