तरैया : तरैया बाजार पर वर्षों से चल रहे अवैध नर्सिंग होम संचालकों पर कार्रवाई करने में तरैया प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी असमर्थ दिख रहे हैं. वे कार्रवाई करने के नाम पर हाथ खड़े कर लिए हैं. इस बाबत आरटीआई से बार-बार सूचना मांगी जा रही है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी श्रीनाथ प्रसाद ने एक पत्र लिखकर सिविल सर्जन सह जिला स्वास्थ्य समिति छपरा को इस बात से अवगत कराया है. प्रेषित पत्र में कहा गया है कि जो व्यक्ति अवैध क्लिनिक चला रहे हैं.
उन लोगों को कुछ क्षेत्रीय दबंग लोगों का सहयोग प्राप्त है. यद्यपि इन पर कार्रवाई हेतु टीम का गठन हो चुका है लेकिन मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल के बिना कार्रवाई करने में किसी तरह की अप्रिय घटना एवं प्रबल विरोध की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने आगे कहा है कि नोटिस दिये जाने के बाद सभी ग्रामीण चिकित्सक तरैया स्थित कार्यालय में उपस्थित हो कर इस बात की जानकारी दिये कि वे लोग लंबे समय से इस कार्य से जुड़े हैं.
इससे इन लोगों का जीवनयापन चलता है, अगर उन लोगों पर किसी तरह की कार्रवाई होती है तो अब वे कहां जायेंगे और क्या करेंगे. रेफरल अस्पताल तरैया में सर्जिकल ऑपरेशन नहीं होने के कारण मरीजों को छपरा रेफर किया जाता है और अस्पताल से तरैया बाजार एवं तरैया से छपरा तक सड़क काफी खराब रहने के कारण मरीज जिला अस्पताल में नहीं जा पाते हैं. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने सीएस सारण से कहा है कि इन सभी बातों पर विचार करते हुए उन पर कार्रवाई हेतु नियम संगत निर्देश दिया जाये या जिला स्तर से इन पर कारवाई की जाये. तरैया प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा सीएस सारण को प्रेषित इस पत्र के बाद आरटीआई के द्वारा कार्रवाई की सूचना मांगने वाले लोगों में खुशी देखी जा रही है तो दूसरी तरफ नर्सिंग होम संचालकों को करवाई का डर सता रहा है.वहीं लोगों का यह भी कहना है की जिस तरह से सरकारी अस्पतालों की विधि व्यवस्था है अगर निजी अस्पताल बंद होते हैं तो मरने वाले लोगों की संख्या में भारी इजाफा होगा. अलबत्ता निजी नर्सिंग होम संचालकों पर कार्रवाई न कर इलाज और ऑपरेशन के लिए राशि तथा मानक निर्धारित कर दिए जायें. निर्धारित राशि से अधिक वसूलने वाले नर्सिंग होम संचालकों पर आवश्यक कार्रवाई की जाये.