सिंघिया . प्रखंड संसाधन केंद्र परिसर में नि:शक्त बच्चों की शिक्षा को सुगम बनाने के उद्देश्य से सामान्य शिक्षकों के लिए जारी तीन दिवसीय गैर-आवासीय प्रशिक्षण संपन्न हो गया. इस का लक्ष्य शिक्षकों को समावेशी शिक्षा की अवधारणा व इसके कार्यान्वयन के लिए आवश्यक तकनीकों से अवगत कराना था. ताकि वे अपनी कक्षाओं में दिव्यांग बच्चों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकें. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शिक्षकों को विभिन्न विषयों की गहन जानकारी दी गई. इसमें दिव्यांग बच्चों की पहचान करने, उनकी विशेष शैक्षिक आवश्यकताओं का आकलन करने व उनके लिए उपयुक्त शिक्षण विधियों को अपनाने जैसे महत्वपूर्ण पहलू शामिल थे. प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि किस तरह से शिक्षकों को कक्षा के माहौल को अधिक समावेशी और सहायक बनाना है. ताकि दिव्यांग बच्चे बिना किसी भेदभाव के अन्य बच्चों के साथ मिलकर सीख सकें. प्रशिक्षण के समापन पर बीइओ मनोज झा ने शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की. समावेशी शिक्षा को सफल बनाने के लिए उनके समर्पण पर जोर दिया. कहा कि यह प्रशिक्षण केवल एक औपचारिकता नहीं है. बल्कि एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ायेगा. यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी बच्चा पीछे न छूटे. उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से उन्हें दिव्यांग बच्चों के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने और उनकी जरूरतों को समझने में मदद मिली है. एक शिक्षिका ने बताया कि अब वे अपनी कक्षा में दिव्यांग बच्चों के साथ अधिक आत्मविश्वास के साथ काम कर सकेंगी. उन्हें बेहतर तरीके से पढ़ा सकेंगी. इस गैर-आवासीय प्रशिक्षण से यह उम्मीद की जा रही है कि प्रखंड के सभी विद्यालयों में समावेशी शिक्षा को प्रभावी ढंग से लागू किया जायेगा. यह कदम न केवल दिव्यांग बच्चों के शैक्षिक भविष्य को बेहतर बनायेगा, बल्कि समाज में भी समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा. इस प्रशिक्षण से शिक्षकों को दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने की क्षमता मिली है.
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