Education news from Samastipur: समस्तीपुर : ज्ञान प्राप्त करने के लिए पुस्तकालय एक अपना स्थान हैं. यह सीखने और ज्ञान की प्रगति को बढ़ावा देने का एक बड़ा स्रोत हैं. जिले की सभी पंचायतों के एक-एक उच्च विद्यालय और एक-एक मध्य विद्यालय में छात्रों की सुविधा के लिए लाइब्रेरी का निर्माण किया जायेगा. इसमें कोर्स की किताबों के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं, साइंस और जनरल नॉलेज की पुस्तकें और मैग्जीन भी उपलब्ध रहेगी. नये सत्र 2025-26 से स्कूलों में बढ़ने वाली छात्रों की संख्या को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है. पुस्तकालय का निर्माण सघन बस्ती वाले स्कूलों किया जायेगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्रों को इसका लाभ मिल सके. इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है. जिला शिक्षा विभाग की ओर से बनाई जा रही योजना के अनुसार स्कूलों के एक कमरे का उपयोग लाइब्रेरी के लिए किया जायेगा. इस कक्ष का उपयोग छात्र सिर्फ और सिर्फ किताबों के स्व अध्ययन के लिए कर सकेंगे. साथ ही छात्रों के किसी भी तरह के विषयात्मक जिज्ञासा की जानकारी देने के लिए शिक्षक भी मौजूद रहेंगे. योजना के अमल में आने के बाद छात्रों को महाविद्यालय जैसी सुविधा स्कूलों में ही मिल सकेगी. विभागीय अधिकारियों का कहना है कि योजना का जल्द ही क्रियान्वयन शुरू कर दिया जायेगा, ताकि गर्मी की छुट्टी के बाद से ही छात्रों को इसका लाभ मिलना शुरू हो सके. डीपीओ एसएसए मानवेंद्र कुमार राय ने बताया कि यह पाया गया है कि पढ़ने से अकादमिक ज्ञान बढ़ता है और सभी विषय क्षेत्रों में छात्रों का प्रदर्शन बेहतर होता है, खास तौर पर समझ और शब्दावली कौशल में. अकादमिक प्रदर्शन और विकास के अलावा, जिन छात्रों के पास किताबों तक पहुंच होती है, वे पढ़ने और सीखने के प्रति अधिक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं. अन्य सकारात्मक प्रभावों में बेहतर एकाग्रता, याददाश्त और नींद शामिल हैं. इन कारणों और अन्य कारणों से, कक्षा में उच्च गुणवत्ता वाली, आकर्षक और सुलभ पुस्तकों की उपस्थिति महत्वपूर्ण है.
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