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Cleanliness Survey of Samastipur 2025 : सफाई व्यवस्था का आकलन कर वापस लौटी स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम

दिल्ली से आई स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम ने नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच कर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया. दो दिनों तक टीम यहां रुकी रही और अलग-अलग इलाके में सफाई का हाल जाना.

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समस्तीपुर : दिल्ली से आई स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम ने नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंच कर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया. दो दिनों तक टीम यहां रुकी रही और अलग-अलग इलाके में सफाई का हाल जाना. काफी गोपनीय तरीके से पहुंची टीम ने लोगों से मिलकर सफाई पर फीडबैक लिया और वापस दिल्ली लौट गई. समस्तीपुर नगर निगम समेत पूरे देश में स्वच्छता सर्वेक्षण की शुरुआत फरवरी से हो गई थी. नगर निगम ने भी सर्वेक्षण को लेकर पूरा जोर लगाया था. केंद्र सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए बाहरी एजेंसी को काम का जिम्मा सौंप दिया है. यह टीम अलग-अलग शहरों में पहुंचकर स्वच्छता की स्थिति का आकलन कर उसके आधार पर रैंकिंग तय करती है. नगर निगम पहुंची टीम ने शहर में चल रही डोर टू डोर सफाई का आकलन किया. लोगों से मिलकर मार्केट इलाके में सफाई की स्थिति का जायजा लिया. दो दिनों तक रुक कर निगम के अलग-अलग क्षेत्रों में सफाई की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया. बताते चलें कि टीम मार्च के प्रथम सप्ताह में आयी थी. शहर के लोगों ने बताया कि कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था अभी तक नहीं है. सफाई व्यवस्था भी बेपटरी रहती है और नाले भी गंदगी से अटे रहते हैं. नगर निगम क्षेत्र सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों की कमी के कारण रैंक में पिछड़ जाता है .

पब्लिक फीडबैक के माध्यम से भी शहर की रैंकिंग सुधारने का मौका

स्वच्छता सर्वेक्षण भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की 15 फरवरी से 31 मार्च 2025 के बीच किया जा रहा है. इसमें पब्लिक फीडबैक की भी शुरुआत हो गई है. इसमें दस अलग-अलग सवाल तय किए गए हैं. इन सवालों के जवाब ऑनलाइन फीडबैक के माध्यम से दिए जाने हैं. इसमें 500 अंक निर्धारित किए गए हैं. इस बार लिंक( https://sbmurban.org/feedback) से लोग अपना स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग का फीडबैक दर्ज करा सकेंगे.

इस बार इन पैमानों पर होगी रैंकिंग

– साफ-सफाई की स्थिति : 1500- कचरे का पृथक्करण, संग्रहण एवं परिवहन : 1500

– सॉलिड वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट : 1500- स्वच्छता तक पहुंच : 1000- गंदे जल का प्रबंधन : 1000- मशीन से नाले की सफाई : 500- स्वच्छता के लिए जागरूक करना : 1500 अंक- इको सिस्टम में सुधार के लिए काम करना : 1000 अंक- स्वच्छता कर्मचारियों का समग्र कल्याण : 500- नागरिक शिकायतों का निराकरण : 500 अंक

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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