Samastipur News:समस्तीपुर : अनियमितता और सुर्खियां बटोरना जिला शिक्षा विभाग की नियति बन गई है. हर दिन कोई न कोई एक मामला सुर्खियों में आता है. ताजा मामला विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाध्यापक बनने से जुड़ा है. दरअसल जिला शिक्षा विभाग कार्यालय में ””””ऑफिस आओ, पद पाओ”””” के तर्ज पर प्रभारी का पद बांटा जा रहा है. यही वजह है कि शिक्षा विभाग कार्यालय के समक्ष वैसे शिक्षकों की भीड़ होती है जो प्रभारी पद पाने के कतार में हैं. शिक्षा विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रभारी बनाये जाने में विभगीय आदेश स्पष्ट नहीं होने से जिला शिक्षा विभाग का कार्यालय अपने तरीके से व्याख्या कर आदेश निर्गत कर रहे है. जिला में ही दर्जनों विद्यालय में प्रभारी बनाने में अलग-अलग आदेश निर्गत हो रहे हैं. नये आदेश पर शिक्षकों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. जिला में स्थिति यह है कि कहीं स्थानीय निकाय के शिक्षक प्रभारी हैं, तो कहीं विशिष्ट शिक्षक प्रभारी और कहीं बीपीएससी टीईआर प्रथम के शिक्षक प्रभारी बने हुए हैं. जिला मुख्यालय स्थित विद्यालयों में इससे इतर स्थिति नहीं देखने को मिल रही है. शिक्षकों का कहना है कि विशिष्ट शिक्षक की नियुक्ति जनवरी में होने के उपरांत भी स्थानीय निकाय के शिक्षक का प्रभारी बने रहना विभगीय नियमों का उल्लंघन है. वहीं स्थानीय निकाय, विशिष्ट शिक्षक और बीपीएससी शिक्षक की आपसी वरीयता में शिक्षा विभाग का स्पष्ट आदेश नहीं रहने से जिला शिक्षा विभाग का कार्यालय पिक एंड चूज के आधार पर नए-नए आदेश निर्गत कर रहा है. सूत्रों की माने तो विभगीय आदेश की आड़ में कार्यालय द्वारा अनैतिक राशि की उगाही की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. जबकि प्रभारी बनाये जाने को लेकर उच्च न्ययालय में मामला भी दर्ज है जिस पर सुनवाई चल रही है. जिसमें अंतिम आदेश आने तक यथा स्थिति बनाये रखने का निर्देश है. वही जानकारों का कहना है जिला शिक्षा विभाग को किसी बिंदु पर स्थिति स्प्ष्ट नहीं रहने पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा से मार्गदर्शन मांग कर ही नये प्रभारी बनाया जाना चाहिये.
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