समस्तीपुर . अब विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए सिर्फ अपने कॉलेज की लाइब्रेरी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों को ऑनलाइन कंटेंट की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी. सभी कॉलेजों की लाइब्रेरी डिजिटल होगी. उच्च शिक्षा निदेशालय ने इसकी योजना तैयार कर ली है. इनफ्लिबनेट सॉफ्टवेयर के माध्यम से कॉलेजों की लाइब्रेरी डिजिटल की जायेगी. कॉलेजों की लाइब्रेरी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में चलेगी. इससे छात्रों को अपनी ही लाइब्रेरी में देश-विदेश की लाइब्रेरी से जुड़ कर वहां की किताबों को पढ़ने का मौका मिलेगा. सभी कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी नये वर्ष में शुरू कर दी जायेगी. छात्रों के लिए इस प्लेटफॉर्म पर शीर्ष प्रोफेसरों के व्याख्यान और नोट्स मुफ्त में उपलब्ध होंगे. हर कोर्स और विषय की सामग्री एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल सकता है. ग्रामीण और दूरदराज के छात्र भी आसानी से इसका लाभ उठा सकते हैं. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी सहायक होगा. उच्च शिक्षा विभाग का कहना है कि इस डिजिटल लाइब्रेरी से छात्रों को बेहतर और किफायती पढ़ाई का विकल्प मिलेगा. निदेशालय ने कॉलेजों की लेबोरेट्री में सभी उपकरण रखने के निर्देश दिये हैं. कॉलेजों को कहा गया है वे लेबोरेट्री में सभी उपकरण रखें. विश्वविद्यालयों को भी इसका निर्देश दिया गया है. लेबोरेट्री और लाइब्रेरी में किसी भी तरह के संसाधन की कमी नहीं होनी चाहिए. महिला कॉलेज के प्राध्यापक विजय कुमार गुप्ता बताते है कि डिजिटल पुस्तकालय एक ऐसा पुस्तकालय है जिसमें पुस्तकों का संग्रह डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में होता है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों एवं कंप्यूटर के माध्यम से इसका उपयोग किया जा सकता है. डिजिटल लाइब्रेरी को ऑनलाइन लाइब्रेरी, इंटरनेट लाइब्रेरी, डिजिटल रिपॉजिटरी या डिजिटल संग्रह के रूप में भी जाना जाता है. यह डिजिटल वस्तुओं का एक ऑनलाइन डेटाबेस है जिसमें टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो, वीडियो, डिजिटल दस्तावेज के रूप में पुस्तकें शामिल हो सकती हैं. इस प्रकार की लाइब्रेरी को इंटरनेट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है. प्रमुख अंतर यह है कि डिजिटल पुस्तकालय में संसाधन केवल मशीन-पठनीय रूप में उपलब्ध होते हैं.
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