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Samastipur News:भ्रष्टाचार के खिलाफ शिक्षक करेंगे अनिश्चितकालीन अनशन

जिला शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना संभाग कार्यालय में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने 26 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन अनशन करने का निर्णय लिया है

Samastipur News: समस्तीपुर : जिला शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना संभाग कार्यालय में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ ने 26 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन अनशन करने का निर्णय लिया है. संघ के जिला अध्यक्ष रामचंद्र राय ने डीईओ और डीपीओ को दिये आवेदन में डीपीओ स्थापना संभाग द्वारा शिक्षकों के विभिन्न समस्याओं का निदान नहीं करने व कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. संघ ने डीईओ को लिखे पत्र में सक्षमता 1 और सक्षमता 2 का पे प्रोटेक्शन के पश्चात बकाया राशि का भुगतान नहीं होने, मकान किराया भत्ता भुगतान में अनियमितता, मातृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश, योग्यता विस्तार की अनुमति, सेवांत लाभ का भुगतान आदि समस्याओं का ससमय निदान नहीं होने की बात कही है. विशिष्ट शिक्षकों के बकाया वेतन का विपत्र प्रखण्ड कार्यालय से जिला कार्यालय को उपलब्ध होने के बावजूद भी अद्यतन राशि का भुगतान नहीं होने से शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है. किसी भी कार्य के लिए प्रखण्ड से लेकर जिला कार्यालय तक शिक्षकों से सेवा शुल्क लेने का आरोप भी लगाया गया है. बीपीएनपीएसएस के अध्यक्ष ने 25 दिसबर तक समस्याओं के निदान नहीं होने पर 26 दिसबर से अनिश्चितकालीन अनशन करने की चेतावनी दी है.

अलग-अलग एचआरए का किया जा रहा भुगतान

माध्यमिक संवर्ग में भी मकान किराया भत्ता के भुगतान में पिक एंड चूज का मामला सामने आया है. एक ही विद्यालय में शिक्षकों को अलग-अलग एचआरए का भुगतान किया जा रहा है. शहर स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय में विशिष्ट शिक्षकों को 4 प्रतिशत की दर से ही भुगतान किया जा रहा है. जबकि ऐसे विद्यालय में कार्यरत सभी शिक्षकों को बिना किसी प्रमाण पत्र के 10 प्रतिशत एचआरए के भुगतान का प्रावधान है. वहीं सरायरंजन स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सक्षमता 1 उत्तीर्ण विशिष्ट शिक्षकों में से पिक एंड चूज के आधार कुछेक विशिष्ट शिक्षक और विद्यालय अध्यापक के एचआरए में संशोधन किया गया है लेकिन अधिकांश शिक्षकों को छोड़ दिया गया है. सूत्रों की माने तो कार्यालय में कुछेक लिपिक की जगह शिक्षक द्वारा कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है. जो शिक्षकों से सेवा शुल्क लेकर एचआरए में संशोधन कर दे रहे हैं. वहीं सेवा शुल्क की खानापूर्ति नहीं करने वाले शिक्षकों को भटकना पड़ रहा है. जबकि राज्य निदेशालय ने एसओपी जारी करते हुए जिला के पदाधिकारी को स्पष्ट आदेश दिया है कि हर हाल में शिक्षकों को समय पर वेतन और वर्द्धित वेतन में संशोधन किया जाये. लेकिन स्थापना के बाबू के लिए ऐसे आदेश का कोई मतलब नहीं है. डीईओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता बताते हैं कि विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में कार्य नहीं करने वाले अब कार्रवाई की जद में होंगे.

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