Samastipur News: हसनपुर : कड़ाके की ठंड के कारण लोग ठिठुर रहे हैं. जिला प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों में संचालित होने वाली शैक्षिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में हसनपुर के शिक्षक बैद्यनाथ रजक का शीतलहर से बचाव से संबंधित एक वीडियो लोग काफी पसंद कर रहे हैं. विद्यालयों में हुए शीतकालीन अवकाश से पहले के इस वीडियो में शिक्षक बैद्यनाथ रजक बच्चों को बड़े ही रोचक अंदाज में गीत गाकर ठंड से बचने के उपाय बताते नजर आ रहे हैं. उनकी कक्षा के श्यामपट्ट पर भी उनके द्वारा ठंड से बचाव के उपाय जैसे गर्म कपड़े पहनने, शरीर को ढक कर रखने, नंगे पांव न टहलने, ठंढा पानी न पीने और गर्म खाना खाने जैसी बातें लिखी हुई है. बताते चलें प्राथमिक कन्या विद्यालय मालदह में पदस्थापित शिक्षक श्री रजक बच्चों को खेल-खेल में, गीत विधि से एवं अन्य रोचक गतिविधियों के माध्यम से पढ़ाते हैं. जिसे बच्चे काफी पसंद करते हैं. इसके पहले भी इनके द्वारा बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़क सुरक्षा, स्पर्शाघात, भूकंप, लू से बचाव, नाव दुर्घटना, ठनका, चमकी को धमकी, भगदड़ एवं भीड़ से बचाव, अगलगी और मलेरिया से बचाव जैसे विषयों पर कार्य किये जा चुके हैं. जिनकी सराहना समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों के माध्यम से भी होती रही है. बच्चों के हित में लगातार किये गये प्रभावी एवं रोचक नवाचार के लिए ही इन्हें बिहार सरकार के द्वारा राजकीय शिक्षक पुरस्कार भी प्रदान किये जा चुके हैं. बीईओ संगीता मिश्रा का कहना है कि खासकर के प्राथमिक विद्यालय के बच्चे उस उम्र के होते हैं जिस उम्र में उन्हें खेलने पर अधिक ध्यान रहता है. ऐसे में बच्चों को आनंददायी तरीके से उन्हें सुरक्षात्मक पाठ पढ़ाना भी शिक्षक का कौशल है. शिक्षक श्री रजक वर्षों से ऐसा करते आ रहे हैं. उनके द्वारा यह स्थित विद्यालयों में अनोखे तरीके से किया जाता है. जिससे कि बच्चे बात को समझे,अपनाएं व सुरक्षित रहें. उनके अनूठे तरीके से पढाने को लेकर कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है. बिहार सरकार की ओर से शिक्षक सम्मान से भी नवाजा चुका है. उन्होंने बताया कि आज सिर्फ किताबों से नहीं बल्कि लय, सुर व संवेदनाओं से भी शैक्षणिक गतिविधि को बढ़ावा दिया जा सकता है. बता दें कि विद्यालय में जब पठन-पाठन संचालित हो रहे थे, तब उनके द्वारा यह वीडियो बनाया गया था. वर्तमान में शीतलहर को लेकर विद्यालयों में पठन-पाठन बंद है.
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