Samastipur News: पूसा : डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित संचार केंद्र के पंचतंत्र सभागार में औषधीय एवं सुगंधित पौधों का उत्पादन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर चल रहे प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरण के साथ संपन्न हुआ. अध्यक्षता करते हुए प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ रत्नेश कुमार झा ने कहा कि खासकर बिहार राज्य के किसानों में रोज ऑयल का उत्पादन से आर्थिक समृद्धि आ सकती है. रोज ऑयल के उत्पादन से किसानों को उच्च आय, सरकारी सब्सिडी और लंबे समय तक चलने वाली कमाई जैसे कई लाभ होते हैं. वे एक बार फसल लगाने के बाद 25-30 साल तक आय प्राप्त कर सकते हैं. पौधों के बीच की खाली जगह में अन्य फसलें उगाकर अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा सरकार द्वारा ऑयल पाम या अन्य तेल फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी और तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है. ऑयल प्लांट जैसे स्थानीय प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं. संचालन करते हुए प्रसार शिक्षा उप निदेशक प्रशिक्षण सह ट्रेनिंग कॉर्डिनेटर डॉ बिनीता सतपथी ने कहा कि औषधीय पौधे पर बिहार सरकार की ओर से किसानों के लिए 75 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की अनुदान ऑन स्पॉट व्यवस्था की गयी है. किसान छोटे डिस्टिलेशन यूनिट लगाकर गुलाब जल और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाकर अपनी कमाई बढ़ा सकते हैं. मौके पर बिहार के विभिन्न जिले के किसान एटीएम बीटीएम बीएचओ सहित सूरज, विक्की, रामविलास महतो आदि मौजूद थे.
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