Samastipur News:समस्तीपुर : अपना संपूर्ण जीवन बलिदान करने वाले वीरता, पराक्रम, त्याग और देशभक्ति के प्रतीक महान योद्धा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप व दानवीर भामाशाह की जयंती समारोह डॉ विजय कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलित कर उनके चित्रों पर माल्यार्पण कर मनाया गया. मुख्य अतिथि प्रो राजेंद्र भगत ने कहा कि महाराणा प्रताप के आदर्शों से प्रेरणा लेकर मातृभूमि की सेवा करने का संकल्प लेते हैं. संयोजक जितेंद्र प्रसाद सिंह चंदेल ने कहा कि महाराणा प्रताप के साहस और वीरता ने हमें यह सिखाया है कि हमारी मातृभूमि की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है. अध्यक्ष डॉ विजय कुमार गुप्ता ने कहा कि महाराणा प्रताप घास की रोटी खाना मंजूर किया लेकिन अकबर की अधीनता नहीं. उनकी वीर गाथा पीढियों को प्रेरित करते रहेंगे. नरेंद्र कुमार सिंह त्यागी ने स्वरचित कविता के माध्यम से कहा कि महाराणा प्रताप के साहस और वीरता की कहानियां आज भी हमें प्रेरित करती हैं. लेखक विनय कृष्ण ने कहा कि आज के युवा को महाराणा प्रताप के अदम्य साहस और वीरता से प्रेरणा लेनी चाहिए. अर्जुन प्रसाद सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप के सेना में सभी जाति, धर्म के लोग सम्मिलित थे. डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि भामाशाह की दानशीलता देश की रक्षा के लिए था. कौशल किशोर प्रसाद सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप विदेशी आक्रांता के खिलाफ थे. राम विनोद पासवान ने कहा कि बाबर के वंशज को महाराणा प्रताप ने धूल चटाई. प्रो जितेंद्र सिंह ने कहा कि भामा शाह के बिना महाराणा प्रताप अधूरे थे. उनकी दोस्ती की मिसाल अद्वितीय है. राम संजीवन पाण्डेय ने कहा कि देश को तपस्वी जीवन जीने वाला, घास रोटी खाने वाले योद्धा की आवश्यकता है. केके सिंह ने कहा कि देश के छल कपटी दुश्मनों से सावधान रहना चाहिए. हरे राम सिंह ने कहा कि राष्ट्रभक्ति, अस्मिता रक्षा के प्रतीक थे महाराणा प्रताप और भामा शाह. प्रो मेघनाथ सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप जैसे एक योद्धा ही काफी है देश की साख बचाने के लिए. समारोह को नरेंद्र सिंह, गौतम सिंह, प्रियंका कुमारी, राम किशोर राय, विक्रांत सिंह, पंकज रजक आदि ने संबोधित किया.
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