Education news from Samastipur:समस्तीपुर : शिक्षा विभाग अब शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए आधारभूत संरचना को भी दुरूस्त करने के लिए कार्ययोजना तैयार की है. जिले के प्राथमिक विद्यालयों में अब कम-से-कम पांच कमरों की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है. शिक्षा विभाग ने ऐसे सभी विद्यालयों की पहचान शुरू कर दी है, जहां पांच से कम कमरे हैं. मई के पहले सप्ताह तक समस्तीपुर सहित सभी जिलों से इस संबंध में सूची तैयार कर ली जाएगी और उसके बाद मई के अंतिम सप्ताह से भवन निर्माण कार्य आरंभ होगा. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समस्तीपुर समेत राज्य के सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को इस दिशा में तेजी से काम करने का निर्देश दिया है.
– एक कमरे में दो कक्षाओं की पढ़ाई बनी परेशानी, अब होगा समाधान
जिले के कई प्राथमिक विद्यालयों में लंबे समय से भवन की कमी एक बड़ी समस्या रही है. कई स्कूलों में एक ही कमरे में दो या तीन कक्षा के छात्रों को एक साथ बैठाकर पढ़ाया जा रहा है, जिससे न केवल शिक्षण कार्य प्रभावित होता है, बल्कि बच्चों की एकाग्रता और समझने की क्षमता भी बाधित होती है. शिक्षा विभाग के अनुसार जिले में 1457 प्राथमिक व 989 मध्य विद्यालय हैं. इनमें से करीब 200 विद्यालयों में महज दो या तीन कमरे ही हैं, जिनमें न केवल पढ़ाई होती है, बल्कि प्रधानाध्यापक का कार्यालय, शिक्षकों का विश्राम कक्ष, स्टोर रूम आदि भी इन्हीं में समायोजित हैं. राज्य मुख्यालय को कई जिलों से शिकायतें मिली थीं कि भवन की कमी के कारण ठंड के मौसम में भी बच्चों को पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ाया जाता है. शिक्षा विभाग ने इन समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए यह व्यापक योजना बनाई है. ताकि स्कूल में जब छात्र आएं तो उन्हें बैठने के लिए कोई परेशानी न उठानी पड़े.यूनिक आईडी से अपडेट होगा नाम व अंक
यूनिक आईडी डालने के साथ ही छात्रों के नाम, अंक समेत अन्य जानकारी पोर्टल पर अपडेट हो जायेगी. इंटर नामांकन को लेकर 24 अप्रैल से फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. बोर्ड ने आवेदन भरने से लेकर नामांकन प्रक्रिया को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. बोर्ड ने निर्देश दिया है कि छात्र-छात्राएं स्कूल का विकल्प देते समय पिछले साल का नामांकन का कट ऑफ देख लेंगे और उसी के तहत संस्थान की प्राथमिकता देंगे. बोर्ड ने निर्देश दिया है कि अधिकतम 20 विकल्प परीक्षार्थी भर सकते हैं. साइबर कैफे, डीआरसी से फॉर्म भरने के लिए अलग-अलग फॉर्मेट है. परीक्षार्थी जहां से फॉर्म भरेंगे, उसी के तहत संबंधित फॉर्मेट चुनेंगे. गुरुवार 11 बजे से बोर्ड के ओएफएसएस के माध्यम छात्र फॉर्म भर रहे हैं. बोर्ड ने निर्देश दिया है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से मैट्रिक करने वाले परीक्षार्थी अपना रॉल नंबर, रॉल कोड और जन्मतिथि फॉर्म भरते समय पास में रखेंगे. बोर्ड ने परीक्षार्थियों को निर्देश दिया है कि एक मोबाइल नंबर और एक ईमेल आईडी का प्रयोग एक आवेदन भरने के लिए ही होगा. इसी पर संबंधित छात्र-छात्राओं को नामांकन संबंधित मैसेज भेजा जायेगा. एक बार विकल्प भरने के बाद परीक्षार्थी उसमें बदलाव नहीं कर सकेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है