Samastipur News: पूसा : डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में सोमवार को कृषि सखियों के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. पीएस पांडेय ने प्राकृतिक खेती की महत्ता पर विशेष बल दिया. कहा कि प्राकृतिक खेती वैदिक काल से चली आ रही परंपरा है. समय के साथ रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग ने हमारी भूमि की उपजाऊ शक्ति को नष्ट कर दिया है. अब समय आ गया है कि हम अपनी धरती को पुनर्जीवित करें. प्राकृतिक खेती की ओर पुनः लौटें. कुलपति ने कृषि सखियों की भूमिका को भविष्य की दिशा दिखाने वाली बताते हुए कहा कि आज की ये कृषि सखियां कल की प्राकृतिक खेती की पथप्रदर्शक बनेंगी. कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लायेंगी. साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती विद्यालय के स्नातक छात्रों को भी इस दिशा में आगे आने का आह्वान किया. आशा व्यक्त की कि यही छात्र भविष्य में प्राकृतिक खेती के विज्ञान को विश्व स्तर पर प्रचारित और प्रसारित करेंगे. इस अवसर पर कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही. मौके पर डीन पीजीसीए डॉ. मयंक राय, डीआर डॉ. एके सिंह, डीएओ डॉ. सुमित सौरव, डॉ. पीपी श्रीवास्तव, डॉ. उषा सिंह, डॉ. यूके बेहरा, डॉ. आरके झा, डॉ. एसपी सिंह मौजूद थे. कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. शंकर झा ने किया. संचालन डॉ. सौरभ तिवारी ने किया. धन्यवाद ज्ञापन डॉ. एसएस प्रसाद ने प्रस्तुत किया. यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल प्रतिभागी कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती की बारीकियों से अवगत करायेगा, बल्कि उन्हें ग्राम स्तर पर टिकाऊ और रसायन-मुक्त खेती के लिए एक सशक्त परिवर्तनकर्ता के रूप में तैयार करेगा.
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