Samastipur News:बिथान : वैसे जीवन और मौत ऊपर वाले के हाथ में होता है. लेकिन कभी-कभी इंसानी लापरवाही भी मौत का कारण प्रतीत होने लगता है. ऐसा ही कुछ थाना क्षेत्र के गाजाबाजा पंचायत के वार्ड 14 निवासी राजेश कुमार की सात वर्षीय पुत्री नेहा कुमारी की 29 अगस्त को सर्पदंश से मौत मौत के मामले में सुनने को मिला. बताया गया है कि घटना के बाद परिजन बच्ची को फौरन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे. परिजनों का कहना है कि अस्पताल में एंटीवेनम इंजेक्शन उपलब्ध रहने के बावजूद बच्ची को कोई नहीं दिया गया. चिकित्सक ने आननफानन में हसनपुर रेफर कर दिया. वहां से भी उसे समस्तीपुर भेज दिया गया. मासूम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो मासूम की जान बच सकती थी. ग्रामीणों ने कहा कि बिथान अस्पताल की स्थिति बेहद खराब है. यहां पदस्थापित चिकित्सा पदाधिकारी अक्सर अनुपस्थित रहते हैं और सप्ताह में महज दो-तीन दिन ही अस्पताल में दिखाई देते हैं. आपातकालीन स्थिति में मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता है. नेहा की मौत से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. परिजन रो-रोकर यही कह रहे हैं कि सही समय पर उपचार होता तो उनकी बेटी आज जीवित होती. स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अस्पताल की सुविधा केवल कागजों पर दर्ज हैं, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है. इस बीच अंचलाधिकारी रूबी कुमारी ने बताया कि पीड़ित परिवार को सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. चिकित्सा पदाधिकारी से दूरभाष पर भी सम्पर्क नहीं हो सका. अन्य कर्मियों ने पूछने पर अनभिज्ञता जाहिर की.
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